मध्यप्रदेश स्टार्टअप पॉलिसी 2025 के साथ पूरे होंगे युवाओं के सपने, जानिए कैसे पूरी होगी स्वरोजगार की राह

Madhya Pradesh Startup Policy 2025

Madhya Pradesh Startup Policy 2025: मध्यप्रदेश स्टार्टअप पॉलिसी और कार्यान्वयन योजना 2025 के शुभारंभ के साथ आर्थिक सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता को नई गति मिलेगी। यह नीति ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, भोपाल में राज्य को भारत के अगले बड़े स्टार्टअप हब और वैश्विक नवाचार पावर हाउस के रूप में प्रदर्शित करेगी। यह नीति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत 2047 के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मध्यप्रदेश स्टार्टअप पॉलिसी 2025 की विशेषताएँ
स्टार्टअप के जीवन चक्र के प्रत्येक चरणों में (आईडीएशन, वैलीडेशन, अर्ली स्टेज, ग्रोथ) नीति के माध्यम से सहायता, आन्टेप्रेन्योर-इन-रेसिडेंस (ईआईआर) प्रत्येक स्टार्टअप को 12 महीने तक की अवधि के लिए 10,000 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता, वृहद स्तर पर निवेशः रु.100 करोड़ का स्टार्टअप कैपिटल फंड और प्रति स्टार्टअप अधिकतम रु. 30 लाख तक का सीड अनुदान, उत्पाद-आधारित स्टार्टअप्स के लिए विशेष लाभः विद्युत शुल्क में छूट, रोजगार सृजन प्रोत्साहन और विद्युत टैरिफ में प्रतिपूर्ति सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना में 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान और ऋण गारंटी शुल्क प्रतिपूर्ति। डिजिटल मार्केटिंग एवं आयोजन सहभागिता सहायता। प्रमुख शहरों में अत्याधुनिक मेगा इंक्यूबेशन सेंटर, सेटेलाईट सेंटर, को-वर्किंग स्पेस और नवाचार-आधारित क्षेत्रीय क्लस्टर स्थापित करना। एक्सेलेरेशन और हैकाथॉन प्रोग्राम से नवाचार को उद्यमों में बदलने में सहायक। मध्यप्रदेश स्टार्टअप एडवाइजरी काउंसिल स्टार्टअप उद्योग जगत के अग्रणी और -वैश्विक निवेशकों का एक समूह स्टार्टअप्स को दीर्घकालिक स्थिरता प्रदान करेगी। मध्यप्रदेश नई स्टार्टअप नीति से प्रगति, समृद्धि और असीम संभावनाओं का एक नया अध्याय लिख रहा है।

भूमि एवं भवन आवंटन तथा प्रबंधन नियम संशोधन
म.प्र. एमएसएमई को औद्योगिक भूमि एवं भवन आवंटन तथा प्रबंधन नियम संशोधन किये गये हैं। तदुनुसार प्रमुख संशोधन विकसित एवं विकसित किये जाने वाले औद्योगिक भूखंडो का आवंटन “प्रथम आओ प्रथम पाओ” पद्धति के स्थान पर “ई-बिडिंग” पद्धति से होगा। अविकसित भूमि का आवंटन “प्रथम आओ प्रथम पाओ” पद्धति के स्थान पर ऑनलाइन पद्धति से। फ्लैटेड इण्डस्ट्रियल एरिया / काम्पलेक्स का निर्माण एवं आवंटन का नवीन प्रावधान में उपरोक्त संशोधनों के पश्चात भूमि का आवंटन सरल, पारदर्शी एवं ऑनलाईन तरीके से त्वरित गति से होगा।

म.प्र. एमएसएमई विकास नीति 2025 लागू
म.प्र. एमएसएमई विकास नीति 2025 लागू की गई है जिसके तहत निवेश पर 40 प्रतिशत तक की सहायता, नए उद्योगों में नवकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहन, अनुसूचित जाति/जनजाति, महिला उद्यमी इकाई को 48 प्रतिशत की सहायता है। निजी भागीदारी से औद्योगिक क्षेत्र / क्लस्टर / बहुमंजिला औद्योगिक परिसर के विकास के लिए अधिकतम 40 करोड़ रूपये तक सहायता है। पिछड़े विकासखण्डों में 52 प्रतिशत तक की सहायता है। प्रथम बार एफडीआई प्राप्त करने वाली इकाईयों को अतिरिक्त सहायता का प्रावधान है। निर्यातक इकाई को निवेश पर 52 प्रतिशत तक की सहायता, निर्यात हेतु माल परिवहन (नवीन प्रावधान) पर अधिकतम दो करोड़ रूपये की सहायता, निर्यात हेतु प्रमाण पत्र पर 50 लाख रुपए की सहायता, एमएसएमई को निर्यात नीति 2025 का लाभ मिलेगा। इससे मध्यम इकाई को 100 से अधिक रोजगार देने पर डेढ़ गुना अनुदान, रोजगार सृजन सेक्टर में प्रति कर्मचारी 5000 प्रति माह 5 वर्ष हेतु एवं कौशल विकास प्रशिक्षण हेतु 13000 रूपये की सहायता का प्रावधान है। लीन मैनुफेक्चुरिंग, टेस्टिंग लैब, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर हेतु सहायता, स्टॉक एक्सचेंज में एमएसएमई लिस्ट करने हेतु अधिकतम 40 लाख रूपये, सेवा क्षेत्र में पहली बार सहायता इसमें लॉजिस्टिक, सर्कुलर ईकोनोमी (रिसाईकलिंग हेतु 2 करोड़ रूपये तक सहायता), मोटर यान स्क्रेपिंग ( 3 करोड़ रूपये तक सहायता) शामिल है। पर्यावरण संतुलन हेतु एमएसएमई इकाईयों को अधिकतम 3 करोड़ रूपये तक सहायता तथा एमएसएमई को रिसर्च एंड डेव्लपमेंट पर अधिकतम  25 करोड़ रूपये तक की सहायता के साथ मेडिकल डिवाइस, फुटवियर पर भी विशेष पैकेज है।

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