रीवा जिला मुख्यालय से महज 30 किलोमीटर दूर बसामन मामा में गौवंश विहार की स्थापना की गई है. गौवंश वन्य विहार 13 हेक्टेयर में फैला हुआ है. जिसका लोकार्पण प्रदेश सरकार के जनसम्पर्क मंत्री राजेंद्र शुक्ल के हाथो हुआ. इस दौरान रीवा सांसद मौजूद रहें। बताया जा रहा है कि 500 आवारा गायों से प्रारम्भ वन्य विहार आज के समय में 1000 गायों का आश्रय बना हुआ है.
वन्य विहार बनने से आवारा पशुओ की समस्या ग्रामीण क्षेत्रो में कम हो गई है. पहले आवारा पशुओं की समस्या इतनी ज्यादा थी कि खेत में घुस कर पूरी फसल नष्ट कर देते थे. वन्य विहार बनने से यातायात भी प्रभावित नहीं होता है. सड़को में आवारा पशु बैठे नहीं मिलेंगे और जानवरों के कारण हो रहे एक्सीडेंट में भी कमी आई है.
गौसेवा के साथ कमाई भी
गौवंश वन्य विहार में रह रही गायों से वर्मी कम्पोस्ट गोनायल, टॉयलेट क्लीनर तैयार कर रीवा के करहिया सब्जी मंडी के पास स्थित एसपीओ के माध्यम से बेचा जाता है. जिससे 4 लाख की वार्षिक आय हो जाती है. संचालन समिति के द्वारा दूध बेच कर प्रतिमाह 45 हजार रूपए का मुनाफा कमाया जा रहा है. वन्य विहार में तैयार उत्पाद शुद्ध एवं लाभकारी है जिसकी वजह से यहाँ तैयार उत्पाद हाथो हाथ बिक जाता है.
1049.29 लाख रूपए की लागत से बना
बसामन मामा गौवंश विहार में 1049.29 लाख रूपए की लगत विभिन्न कार्य कराया गया है. जैसे भूसा शेड, पानी का हौज, पीसीसी रोड, वर्मी कम्पोस्ट शेड, गोबर गैस शेड, रपटा निर्माण, यज्ञसाला निर्माण, रेस्ट हाउस निर्माण और गेट का निर्माण कार्य शामिल है.
जैविक खाद इकाई भी संचालित
संचालन समिति द्वारा गोबर से बने खाद (जैविक खाद) संचालित की जा रही है. इस गोवंस में लोगो की मदत से भरी मात्रा में वृछारोपण का कार्य कराया गया. इसके साथ ही खनिज न्यास मद से गोवंश वन्य विहार में गौवंशो के लिए पंप हाउस बोरवेल की उत्तम व्यवस्था की गयी है.