Jagannathpuri Rath Yatra 2025 : जगन्नाथ रथ यात्रा ओडिशा का एक बड़ा त्योहार है। इसे रथों का त्योहार या श्री गुंडिचा यात्रा भी कहा जाता है। यह हर साल मनाया जाता है। यह त्योहार द्वितीया तिथि को होता है। द्वितीया तिथि शुक्ल पक्ष की द्वितीया को पड़ती है। शुक्ल पक्ष में चंद्रमा बढ़ता है, इसलिए यह समय शुभ माना जाता है। आपको बता दें कि जगन्नाथ रथ यात्रा बहुत पुरानी है। इसकी शुरुआत 12वीं से 16वीं शताब्दी के बीच हुई थी। यह त्योहार पौराणिक कथाओं और इतिहास से जुड़ा हुआ है। कुछ लोगों का मानना है कि इस दिन भगवान कृष्ण अपनी मां के घर गए थे। कुछ लोग इसे राजा इंद्रद्युम्न की कहानी से जोड़ते हैं।
क्या है भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकालने का मुहूर्त।
वैदिक पंचांग के मुताबिक इस वर्ष भगवान जगन्नाथ की यात्रा रूपी त्यौहार 27 जून को मनाया जाएगा, ज्योतिष पंचांग के अनुसार द्वितीय तिथि अर्थात 26 जून को मध्यांतर 1: 24 बजे से प्रारंभ होगी।
द्वितीया तिथि 27 जून 2025 को सुबह 11:19 बजे समाप्त होगी। आपको बता दें कि रथ यात्रा के दौरान 9 दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे । नौ दिन चलने वाले इस उत्सव की शुरुआत रथ यात्रा से होगी। इसका समापन 5 जुलाई 2025 को नीलाद्रि बिजय के साथ होगा। ओडिशा के गजपति राजवंश के समय में यह उत्सव बहुत प्रसिद्ध हुआ था। तब से यह भक्ति और संस्कृति का प्रतीक बन गया है। नौ दिन की यात्रा में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा अपने रथों पर सवार होकर जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक जाते हैं। यह दूरी करीब 3 किलोमीटर है।
जगन्नाथ रथ यात्रा में होती हैं कौन कौन सी रस्में? Jagannathpuri Rath Yatra 2025
जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा में कई पुरानी रस्में हैं। इनका बहुत महत्व है। सबसे पहले रथ स्नान होता है। इसमें देवताओं को 108 घड़ों के पवित्र जल से स्नान कराया जाता है। फिर रथ प्रतिष्ठा होती है। इसमें पुजारी वैदिक मंत्रों का उच्चारण करके नए रथों को पवित्र करते हैं। रथ यात्रा इस उत्सव का सबसे खास हिस्सा है जिसमें हजारों भक्त भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथों को गुंडिचा मंदिर तक खींचते हैं। देवता वहां नौ दिनों तक रहते हैं। उनकी वापसी यात्रा को बहुदा यात्रा कहा जाता है। इसमें वे जगन्नाथ मंदिर लौटते हैं।
ट्रैफिक पुलिस ने जारी की यात्रा संबंधी एडवाइजरी।
जगन्नाथ रथ यात्रा को लेकर ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की गई है। 21 पार्किंग स्थल बनाए गए हैं। पांच जगहों पर होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं। इस बार ट्रैफिक के लिए ऐप जारी किए गए हैं। पुलिस ने बताया कि श्रद्धालुओं की मदद के लिए चैटबॉट एप्लीकेशन शुरू की गई है। यह एप्लीकेशन पार्किंग स्थल, रूट और दिशा-निर्देशों की जानकारी देगी। इससे भीड़ कम होगी और वाहनों को आसानी से आने-जाने में मदद मिलेगी।
सुरक्षा के मद्देनजर लगाए गए AI कैमरे। Jagannathpuri Rath Yatra 2025
रथ यात्रा के लिए 10 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। ओडिशा पुलिस ने बताया कि करीब 15 लाख श्रद्धालुओं की भीड़ को संभालने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) कैमरे और ड्रोन से निगरानी शामिल है। उत्तरा चक्र और पुरी शहर के बीच तथा पुरी और कोणार्क के बीच 275 एआई-सक्षम सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों से हर समय लाइव तस्वीरें देखी जा सकेंगी। एआई सिस्टम भीड़ और यातायात पर नजर रखेगा। इससे सुरक्षा टीमों को किसी भी आपात स्थिति में तत्काल मदद पहुंचाना आसान हो जाएगा। शहर में विशेष स्थानों पर उप-नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किए गए हैं।
पहली बार यात्रा के एनएसजी कमांडो की तैनाती।
पहलगाम में आतंकी हमले को देखते हुए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। छतों पर एनएसजी स्नाइपर्स तैनात किए गए हैं। बम निरोधक दस्ते, तोड़फोड़ विरोधी दल और डॉग स्क्वॉड भी तैनात किए गए हैं। एंटी ड्रोन सिस्टम भी लगाए गए हैं। ओडिशा पुलिस के साथ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की आठ कंपनियां भी तैनात की गई हैं। समुद्री सीमा की निगरानी के लिए मरीन पुलिस, भारतीय तटरक्षक और भारतीय नौसेना मिलकर काम कर रहे हैं। वे समुद्र पर कड़ी नजर रख रहे हैं।
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