Loksabha Election 2024: भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने विधानसभा चुनाव 2023 में सात सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा था. जिनमें से पांच सांसदों ने विधानसभा का चुनाव जीता। वहीं मंडला सांसद मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और सतना सांसद गणेश सिंह चुनाव हार गए. इस हार के बाद से ही ये कयास लगाए जा रहे थे कि इन सांसदों का टिकट काट कर इनकी सीट से किसी नए चेहरे को चुनावी मैदान में उतारा जाएगा। अब ये संशय समय के साथ और गहरी हो रही है.
विधानसभा चुनाव 2023 के सफलता के बाद पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जोरों-शोरों लग गई है. प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से सात उन सीटों पर नए चेहरों की उम्मीदवारी लगभग तय मानी जा रही है जहां के सांसद विधानसभा चुनाव में उतरे थे. इसके अलावा विदिशा, भोपाल, ग्वालियर और सागर सहित 7 से 8 सीटें ऐसी हैं, जहां पार्टी नए चेहरों के साथ चुनावी मैदान में उतर सकती है. जानकारी के अनुसार, RSS और सत्ता-संगठन ने भी अपने स्तर पर संसदीय क्षेत्रों का फीडबैक लेना शुरू कर दिया है। दिल्ली-भोपाल की बैठकों में हाईकमान ने नई रणनीति के साथ चुनाव मैदान में उतरने का प्लान तैयार कर लिया है।
विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने सात सांसदों को चुनावी रण में उतारा था। इनमें से मंडला से सांसद, केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और सतना से सांसद गणेश सिंह चुनाव जीतने में नाकामयाब रहे. अभी ये दोनों नेता सांसद बने हुए हैं, लेकिन आगामी चुनाव को देखते हुए इन दोनों के टिकट पर संशय बना हुआ है। इनके अलावा विधायक चुने गए पांच सांसद नरेंद्र सिंह तोमर मुरैना से, प्रहलाद सिंह पटेल दमोह से, रीती पाठक सीधी से, राकेश सिंह जबलपुर से और उदय प्रताप सिंह होशंगाबाद लोकसभा सीट खाली कर चुके हैं। इन सीटों पर भाजपा नए चेहरों को उतारने की कवायद शुरू कर चुकी है।
जानकारी के मुताबिक संगठन ने मैदानी फीडबैक और विधानसभा चुनाव में आए नतीजों के आधार पर जिन सीटों पर विकल्प तलाशने के संकेत दिए हैं, इनमें ग्वालियर, खरगोन, भिंड और धार सीट शामिल है। पार्टी इन सीटों पर वोट प्रतिशत बढ़ाने के आदेश भी क्षेत्रीय नेताओं को दिए हैं. इनके अलावा भोपाल, विदिशा, सागर, शहडोल, मंदसौर, रीवा और राजगढ़ सीट पर भी पार्टी नए चेहरों पर दांव खेलने के फिराक में है।
मध्यप्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का कहना है कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। वोट शेयर बढ़ाने से लेकर संगठन को कई कार्यक्रम सौंपे गए हैं। उन्होंने आगे कहा उम्मीदवारों चयन एक अलग प्रक्रिया है जो हाईकमान का काम है .
सांसद रिपीट इसलिए नहीं होंगे
भाजपा हाईकमान मध्यप्रदेश सहित छत्तीसगढ़ और राजस्थन में सीएम और मंत्रियों के रूप में नए नेताओं का चयन कर पीढ़ी परिवर्तन का संकेत दे चुका है। तीनों राज्यों में इस बदलाव को भविष्य की भाजपा की तस्वीर के बतौर देखा जा रहा है। लोकसभा चुनाव की व्यापक रणनीति को लेकर केंद्रीय नेतृत्व ने बूथ स्तर तक के कार्यक्रम सौंप दिए हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि दो अथवा अधिक बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके नेताओं को ऐसी स्थिति में ही रिपीट किया जाएगा, जब सामाजिक और सियासी समीकरण की दृष्टि से कोई दूसरा विकल्प उपलब्ध नहीं हो।