नई दिल्ली। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सोमवार को आरजेडी सुप्रीमो पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री एवं लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी और उनके पुत्र तेजस्वी यादव पर भष्टाचार मामले में आरोप तय कर दिए है। कोर्ट ने कहा कि टेंडर घोटाले की पूरी साजिश लालू यादव की जानकारी में रची गई थी। उन्होंने प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया। बिहार चुनाव के बीच यह फैसला लालू और आरजेडी के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है। इससे पहले लालू व्हील चेयर पर कोर्ट पहुंचे। राबड़ी और तेजस्वी यादव भी उनके साथ थे।
यह था मामला
दरसअल लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ दो अहम मामलों आईआरटीसी होटल घोटाला और लैंड फॉर जॉब स्कैम में सुनवाई हुई। आईआरटीसी घोटाले में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव पर लगे आरोप को कोर्ट ने सही ठहराया और कहा कि टेंडर घोटाले की पूरी साजिश लालू यादव की जानकारी में रची गई थी। उन्होंने प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया। दरअसल 2005-06 को रेलमंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने कोचर बंधुओं को आईआरटीसी रांची और पुरी में होटल लीज पर दिलवाया था, इसके एवज में पटना में 3 एकड़ जमीन लेने का आरोप लालू यादव पर लगे है। जुलाई 2017 को सीबीआई ने लालू समेत 5 लोगों पर एफआईआर दर्ज करवाई थी। इस मामलें उनके 12 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। कंम कीमत पर सौदा करके लालू यादव परिवार पर करोड़ों के भष्टाचार का आरोप रहा है। जिस पर अब कोर्ट ने आरोप तय कर दिया है।
लालू परिवार क्या जाएगा जेल
लालू,राबड़ी और तेजस्वी पर केस चलेगा। लालू यादव पर भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का आरोप है। इसके अलावा, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत आरोप हैं। इसमें 1 से 7 साल तक की सजा हो सकती है।