MP CM ने Karnataka से मंगवाए दो King Cobra, बदले में दो बाघ दे दिए!

King Cobra In Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश और कर्नाटक सरकार के बीच वन्यजीवों की अदला-बदली को लेकर एक अनोखी डील हुई है, जिसके तहत मध्य प्रदेश कर्नाटक से दो किंग कोबरा लेगा और बदले में दो बाघ देगा (Madhya Pradesh will take two king cobras from Karnataka and give two tigers in return) यह सौदा वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किया गया है, लेकिन विपक्ष इसे बाघों की प्रचुरता वाले “टाइगर स्टेट” (Tiger State) के लिए नुकसानदेह बता रहा है।

कर्नाटक से दो किंग कोबरा के बदले एमपी के दो टाइगर

Tigers from MP in exchange for two king cobras from Karnataka: मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या 785 (2022 टाइगर सेंसेस) है, जो देश में सबसे ज्यादा है। दूसरी ओर, कर्नाटक में किंग कोबरा की अच्छी आबादी है, लेकिन बाघों की संख्या 563 तक सिमट गई है। मध्य प्रदेश सरकार का मानना है कि किंग कोबरा जैसे दुर्लभ सरीसृप को लाकर जैव-विविधता बढ़ेगी और पर्यटकों का आकर्षण बढ़ेगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव (MP CM Mohan Yadav) की इस पहल को वन्यजीव प्रेमियों के बीच नई शुरुआत माना जा रहा है। कर्नाटक को बाघ देकर वहाँ के टाइगर रिजर्व्स को मजबूत करने का भी लक्ष्य है।

मध्य प्रदेश में किंग कोबरा कहाँ रखे जाएँगे?


Where will the King Cobras be kept in Madhya Pradesh: दो किंग कोबरा को भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क (King Cobra In Van Vihar National Park, Bhopal) में रखा जाएगा। इसके लिए विशेष बाड़ा तैयार किया गया है, और कर्नाटक के पिलिकुला बायोलॉजिकल पार्क (Pilikula Biological Park, Karnataka) से आए विशेषज्ञों ने वन विहार के कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिया है। किंग कोबरा को नियंत्रित माहौल में रखा जाएगा, ताकि उनकी सुरक्षा और देखभाल सुनिश्चित हो।

मध्य प्रदेश में किंग कोबरा आने से क्या फायदा होगा?

  • पर्यटन में वृद्धि: किंग कोबरा मध्य प्रदेश में पहली बार प्रदर्शित होगा, जिससे वन विहार में पर्यटकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।
  • जैव-विविधता: यह सौदा मध्य प्रदेश में सरीसृप संरक्षण को बढ़ावा देगा और स्कूल-कॉलेज के छात्रों के लिए शैक्षिक अवसर देगा।
  • कर्नाटक में बाघ संरक्षण: कर्नाटक के बांदीपुर और भद्रा जैसे टाइगर रिजर्व्स में बाघों की कमी है। मध्य प्रदेश के स्वस्थ बाघ वहाँ की आबादी को मजबूत करेंगे।
  • राज्यों के बीच सहयोग: यह डील दोनों राज्यों के बीच वन्यजीव संरक्षण में साझेदारी का उदाहरण बनेगी।

क्या मध्य प्रदेश में किंग कोबरा नहीं है?

Is there no King Cobra in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के जंगलों में किंग कोबरा की मौजूदगी बहुत कम है। यह प्रजाति मुख्य रूप से पश्चिमी घाट, पूर्वोत्तर भारत, और कर्नाटक जैसे क्षेत्रों में पाई जाती है। तकनीकी रूप से, मध्य प्रदेश में किंग कोबरा पूरी तरह अनुपस्थित नहीं है, लेकिन इसकी संख्या न के बराबर है और इसे जंगल में देखना दुर्लभ है। इसलिए, इसे वन विहार में लाने का फैसला लिया गया।

विपक्ष का विरोध

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कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस डील पर सवाल उठाए हैं। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने कहा, “मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा बाघों की वजह से है। दो बाघ देना हमारी ताकत को कमजोर करेगा। किंग कोबरा लाने से ज्यादा फायदा नहीं होगा, क्योंकि यह जंगल में नहीं, बल्कि चिड़ियाघर में रहेगा।” विपक्ष का आरोप है कि यह सौदा पर्यटन के नाम पर सिर्फ दिखावा है और बाघों की सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है। कुछ विशेषज्ञों ने भी चिंता जताई कि बाघों का स्थानांतरण उनकी सेहत और नए माहौल में ढलने की क्षमता पर असर डाल सकता है।

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