Kharif Crop Farming Tips 2025 In Hindi | खरीफ की बोअनी का समय शुरू हो गया है। रीवा जिलें में अब तक लगभग 273 मिलीलीटर वर्षा दर्ज हो चुकी है जो धान की रोपाई के लिए पर्यात है।
किसान भी नर्सरी तैयार कर चुके हैं, इसी के साथ रीवा सहित पूरे विंध्य क्षेत्र में धान की रोपाई होने लगी है। विंध्य की बात की जाए तो यह धान की खेती के लिए महत्वपूर्ण स्थान रखता है। वहीं सिर्फ रीवा जिले में प्रतिवर्ष 2 लाख 66 हजार 210 हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती की जाती है।
रीवा में धान की खेती से जुड़ी सबसे अहम बात ये है कि यहाँ अभी तक धान की रोपाई की जगह छींट का प्रयोग किया जाता रहा है। लेकिन कुछ समय से किसान रोपाई भी करने लगे हैं।
लेकिन रोपाई से पहले भी कई जरूरी कार्य होते हैं जिनके बारे में जानकारी नहीं होने की वजह से किसानों से कुछ गलतियाँ हो जाती हैं, जिनका प्रभाव उत्पादन पर पड़ता है। हम आज आपको बताएंगे कि आखिर वो कौन-कौन सी महत्वपूर्ण कार्य हैं जिन्हें धान की रोपाई के पहले और बाद में करना चाहिए।
धान की रोपाई के समय भी कई बातों का ध्यान रखना होता है जैसे खेत में जल प्रबंधन, खेत की जुताई और मेढ का बंधान आदि, ताकि रोपाई के समय पानी की पर्याप्त मात्रा खेतों में बनी रहे साथ ही इसके बाद जल निकासी भी सही ढंग से हो सके. अब रोपा तो खेत में लगा दिया लेकिन इसके बाद क्या करना है ये जानना भी जरूरी है।
कई बार धान की रोपाई के बाद कुछ किसान भाई सामान्य गलतियाँ कर देते हैं, जो फसल की पैदावार और गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती हैं। जैसे कि उर्वरक का असंतुलित उपयोग, जल निकास की अनदेखी, गलत समय पर सिंचाई या उर्वरक प्रयोग। इनसे धान की जड़ें कमजोर होने लगती हैं, जिससे पैदावार कमी हो जाती है। तो कृषि वैज्ञानिक से जानते हैं कि धान का रोपा लगाने के बाद किन-किन बातों को ध्यान मे रखना चाहिए।