ZEE’5 पर हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म कालीधर लापता एक ऐसी कहानी है जो सादगी में गहराई समेटे हुए है। अभिषेक बच्चन द्वारा निभाया गया किरदार जहां आत्मसंघर्ष और आंतरिक पीड़ा का प्रतीक है, वहीं दैविक (नीरज माधव) का पात्र मानवीय करुणा,अपनत्व और मित्रता की मिसाल बनकर उभरता है। यह फिल्म न केवल एक गुमशुदा व्यक्ति की तलाश है बल्कि दो विपरीत दिशाओं से आए अजनबी व्यक्तित्वों के बीच पनपती एक असाधारण दोस्ती की आत्मिक यात्रा भी है। कहानी धीमी गति से आगे बढ़ती है लेकिन दर्शकों के दिल में एक स्थायी छाप छोड़ जाती है जिसे देखना तो देखने वालों की पसंद और मर्ज़ी की बात है लेकिन जो देखे वो इसे आत्मसात किए बगैर नहीं रह सकता। इसलिए आप यदि किसी ऐसे संस्थान में कार्यरत हैं जहां शेटर्ड-संडे छुट्टी होती है तो वीक ऑफ यानी शुक्रवार को फिल्म “कालीधर लापता” पूरे परिवार के साथ देखना फिल्म के उद्देश्य को सफल बनाने जैसा होगा जो निश्चित ही आपके अपने जीवन के और पारिवारिक रिश्तों में कसावट और मिठास भर देगा है।
फिल्म “कालीधर लापता” – की मौजूदा जानकारी
रिलीज़ : 4 जुलाई 2025, ZEE5
निर्देशक : मधुमिता सुंदररामण
मुख्य कलाकार : अभिषेक बच्चन, दैविक बाघेला, मोहम्मद जीशान अय्यूब, निम्रत कौर
शूटिंग लोकेशन : भोपाल (भोपाल, भोजपुर, सलामतपुर)
फिल्म कालीधर लापता कहानी का सार
“कालीधर लापता” तमिल फिल्म KD यानी “Karuppu Durai” का हिंदी रीमेक है एक बुज़ुर्ग व्यक्ति कालीधर की कहानी है, जिसे परिवार की साजिश के चलते कुंभ मेले में छोड़ दिया जाता है। भूलने की बीमारी से ग्रस्त कालीधर अपना घर-परिवार छोड़कर भाग जाता है। रास्ते में उसकी मुलाक़ात बल्लू नामक आठ वर्षीय अनाथ बच्चे से होती है। दोनों एक “वांछा-सूची” पर निकलते हैं और जीवन के छोटे-छोटे सुखों को फिर से जीना सीखते हैं ,बस जिंदगी के झंझावात के ताने-बाने से बुनी हुई ये कहानी हर किसी की जिंदगी के ईर्द-गिर्द घूमती महसूस होती है।
शानदार अभिनय में अभिषेक बच्चन
कालीधर के रूप में दर्शकों को भावात्मक उठापटक के बीच सहज रूप में दिखाई देते हैं। कई समीक्षकों ने कहा कि उन्होंने इस भूमिका में अपने अभिनय कौशल का बेहतर इस्तेमाल किया है जो उनके अभिनय के सफर में मील का पत्थर साबित होगा। हालांकि किसी भी दृश्य में वो “चौंकाने वाला” प्रभाव नहीं छोड़ते लेकिन पात्र की मांग को अभिषेक बच्चन ने बखूबी समझा और निभाया है।
दैविक बाघेला जैसे छोटा पैकिट बड़ा धमाका यानी फिल्म कालीधर लापता का बल्लू
कालीधर लापता….“इस फिल्म की जान” कहे जाने वाले दैविक ने बाल कलाकार के रूप में कमाल का अभिनय किया है देखने वालों के ज़ेहन में दैविक ने अपनी कलाकारी की गहराई से छाप छोड़ी है। उनकी मासूमियत और संवाद अदाकारी खूब सराही जा रही है लोग जहां दैविक के फैन हो गए हैं तो उसे बॉलीवुड का राइजिंग स्टार भी माना जा रहा है।
जीशान अय्यूब यानी सुबोध
एक पुलिसकर्मी की भूमिका में उन्होंने ठीक-ठाक योगदान दिया, लेकिन फिल्म में उनकी भूमिका थोड़ी संकुचित महसूस हुई या यूं कहें कि हैवी कास्टिंग का दबाव या प्रभाव उन पर इतना ज्यादा पड़ा की जीशान खुलकर अपने पात्र के साथ इंसाफ नहीं कर सके या फिर खोया-पाया विभाग अधिकारी का किरदार उनके अभिनय के ख़ाके में समाया ही नहीं
कालीधर की प्रेम दीवानी मीरा यानी निम्रत कौर
कालीधर की प्रेमिका मीरा के रूप में छोटा किरदार निभाने वाली अभिनेत्री निम्रत कौर ने हमेशा की तरह एकबार फिर अपने अभिनय का लोहा मनवाया लिया । फिल्म में उनकी भूमिका बेहद कम है बावजूद इसके हमेशा की इस पात्र को भी उन्होंने हमेशा की तरह प्रभावी अभिनय कर यादगार बना दिया, मीरा जो फिल्म में एक स्पेशल अपीयरेंस में, कालीधर यानी अभिषेक बच्चन की प्रेमिका के रूप में नजर आ रही हैं।
निर्देशन-लेखन व तकनीकी पक्ष
दिशा (मधुमिता) : सहज और भावपूर्ण निर्देशन। मूल फिल्म की आत्मा को हिंदी रूप में संरक्षित किया है, हालांकि कुछ हिस्से “धीमे” लगे।
स्क्रीनप्ले/संवाद : मजबूती थोड़ी कम, लेकिन कुछ संवाद दिल को छू जाते हैं जैसे – “हर रिश्ते की एक्सपायरी डेट होती है” ये संवाद हर दर्शक के दिल में हमेशा की तरह रज के रह गया है।
गैरिक सरकार की लाजवाब सिनेमैटोग्राफी
ग्रामीण भारत के दृश्य सजीव बनाए गए, जो फिल्म को न सिर्फ जमीन से जोड़ते हैं बल्कि फिल्म को हकीकत के बहुत करीब से देखा जा सकता है।
अमित त्रिवेदी का सौम्य संगीत
सूक्ष्म, भावनात्मक और कहानी के अनुरूप संगीत “हसीन परेशानियां”, “हंस के जाने दे” जैसे गाने दर्शकों को मानों साथ ले जाते हैं जै वो खुद से खुद की पहचान कर रहे हों।
फ़िल्म का शक्तिशाली पक्ष
- कालीधर-बल्लू की शानदार केमिस्ट्री और दोस्ती का भाव।
- जीवन की सरल खुशियों की खोज की प्रेरणादायक झलक।
- बाल कलाकार और अभिषेक के संयोजन से जनरेट होने वाली भावुकता।
फिल्म कालीधर लापता के कमज़ोर पहलू
- कुछ हिस्से धीमे चलते हैं, जिससे कथानक “टाइम पास” फिल्मों की श्रेणी में आ सकता है।
- सब-प्लॉट्स जैसे प्रेम कहानी और पुलिसकर्मी का किरदार असरदार नहीं बन पाए।
कुल मिला-जुला मूल्यांकन
- रेटिंग: लगभग 3–3.5
- (बॉल्टन से लेकर 4 तक )
फिल्म कालीधर लापता आखिर क्यों देखें दर्शक ?
मौजूदा OTT कंटेंट से अलग, एक आसान-सी परंतु गहरी दोस्ती की कहानी। अभिनय विशेष रूप से बाल कलाकार दैविक और अभिषेक बच्चन से जुड़ा भावुक अनुभव तो देखने लायक है ही लेकिन विसम परिस्थितियों में जहां ज़िन्दगी का ओर-छोर समझ न आए वहां कुछ ऐसे दृश्य हैं जो अंधेरे को सीधा रौशनी से जोड़ते हैं।
विशेष – “कालीधर लापता” एक दिल छू लेने वाली फिल्म है, जिसमें छोटा लेकिन असरदार कथानक, इस्तेमाल की गई लोकेशन, अभिनय और भावनात्मक रिश्तों का संतुलित मिश्रण है। इस फिल्म को देखने की सलाह,उस हर इंसान को दी जा सकती है, खासकर जिसे सुकून की तलाश हो।