J&K Weather: जम्मू. जम्मू-कश्मीर के रामबन क्षेत्र में रविवार को भारी बारिश और ओलावृष्टि के कारण व्यापक तबाही मची। इस आपदा में तीन लोगों की मौत हो गई है। रामबन के सेरी बागान क्षेत्र में भारी पानी और मलबा भर गया, जिससे सेरी बागान, केला मोड़, बाउली बाजार और धर्मकुंड जैसे इलाके प्रभावित हुए हैं। अचानक आए पानी और मलबे ने कई घरों और होटलों को अपनी चपेट में ले लिया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह मलबा इतना अधिक था कि उससे दो मंजिला इमारत बनाई जा सकती है।
लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया
प्रशासन ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। सेरी बागान क्षेत्र में राहत और बचाव कार्य जारी है।
स्कूलों में छुट्टी की घोषणा
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बताया कि रविवार को हुई भारी बारिश को देखते हुए सोमवार (21 अप्रैल) को घाटी के सभी स्कूलों में कक्षा कार्य स्थगित रहेगा। राज्य की शिक्षा मंत्री सकीना इत्तो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा—
“लगातार बिगड़ते मौसम और मौसम विभाग की चेतावनियों को ध्यान में रखते हुए, एहतियातन फैसला लिया गया है कि 21 अप्रैल को घाटी के सभी स्कूलों में एक दिन के लिए कक्षा कार्य स्थगित रहेगा।”
संपर्क और यातायात व्यवस्था बाधित
जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रीय राजमार्ग, विशेष रूप से नाशरी और बनिहाल के बीच, 12 स्थानों पर भूस्खलन की वजह से पूरी तरह बाधित हो गया है। इसके कारण बस, ट्रक और अन्य वाहन फँसे हुए हैं। साथ ही, मोबाइल टावर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे संपर्क व्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हुई है।
धर्मकुंड गाँव को सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचा है, जहाँ के लगभग 40 मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
बादल फटना क्या होता है?
मौसम विभाग के अनुसार, यदि एक छोटे से क्षेत्र (1 से 10 किलोमीटर तक) में एक घंटे के अंदर 10 सेंटीमीटर या उससे अधिक बारिश होती है, तो उसे बादल फटना कहा जाता है। केवल तेज बारिश को बादल फटना नहीं माना जाता जब तक वह निर्धारित मापदंडों को पूरा न करे। कई बार एक ही स्थान पर कई बादल फटने की घटनाएँ एक साथ हो जाती हैं, जिसे त्रासदी की श्रेणी में रखा जाता है।