Javed Akhtar on Pakistani actor: पहलगाम हमले के बाद सारा देश गुस्से में है। एक तरफ जहां भारत सरकार तरह-तरह के प्रतिबंध लगाकर कूटनीतिक रूप से पाकिस्तान पर दबाव बना रही है।वहीं पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन लगाकर भारत सरकार ने ये भी जता दिया है कि वह इस बार ढिलाई के मूड में नहीं है।

इस पर जावेद अख्तर (javed akhtar on pahalagam attack) ने अपनी प्रक्रिया व्यक्त की है। जब उनसे पूछा गया कि वह पाकिस्तानी कलाकारों पर लगाए गए बैन के बारे में क्या कहना चाहते हैं तो उन्होंने कहा “इस मुद्दे पर दो तरह की बातें हो सकती हैं पहली बात तो ये है कि ये खातिरदारी वाला मामला हमेशा एक तरफा मोहब्बत जैसा मसला रहा है। जहां हमने पाकिस्तान के बड़े से बड़े कलाकारों को भी बहुत इज्जत दी।उन्हें अपनी सिर आंखों पर बैठाया। उन्हें जाने कितने बार पाकिस्तान से हिंदुस्तान बुलवाया लेकिन उनकी तरफ से इस मामले में हमारे कलाकारों को ऐसा सम्मान कभी नहीं दिया गया ।
यह तो वही बात रही कि हमारे कलाकार जिन्होंने पूरी दुनिया में डंका बजाया उनको आप एक बार भी नहीं बुला पाए।ऐसी क्या मजबूरी थी ?आप एक बार तो बुला सकते थे लेकिन आपने नहीं बुलाया। और दूसरी बात यह है कि पाकिस्तान में चलती किसकी है वहां की जनता की तो बिल्कुल भी नहीं चलती तो फिर हम ये सब किसके लिए कर रहे हैं।”
लता मंगेशकर को कभी क्यूं नहीं बुलाया पाकिस्तान(pakistan never invited indian celebs)
जावेद अख्तर ने अपना लहजा सख्त करते हुए कहा कि भारतीय जनता ने नुसरत फतेह अली खान से लेकर आतिफ असलम तक(atif aslam , नूर जहां से लेकर माहिरा खान तक ,जाने कितने पाकिस्तानी कलाकारों को भरपूर मौके दिए हैं।मतलब हम लोगों ने प्यार लूटने में कोई कोताही नहीं बरती है।उन्होंने याद करते हुए कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेई की सरकार थी और उस समय फ़ैज़ अहमद पाकिस्तान से भारत आए थे तो उनका स्वागत ऐसे किया गया था जैसे किसी देश के प्राइम मिनिस्टर का स्वागत किया जाता है। क्या पाकिस्तान ने कभी भी भारतीय कलाकारों को इतना सम्मान दिया?
लता मंगेशकर (lata mangeshkar) 60 से 80 के दशक में पूरी विश्व में इतनी चर्चित हस्ती थी कि उनकी आवाज़ के जादू से कोई बच नहीं सकता था। उनकी आवाज का जादू हर तरफ बोल रहा था। पाकिस्तान में भी उनको खूब पसंद किया जाता था लेकिन उनका एक भी शो पाकिस्तान में नहीं हुआ, क्यों नहीं हुआ?(indian show in pakistan) यह यकीनन सिस्टम की गलती है, लेकिन फिर बात वही आएगी कि यह एक तरफा मोहब्बत कब तक चलेगी? उनको भी तो अपने सिस्टम के खिलाफ आवाज उठानी होगी।
अबीर गुलाल को लेकर जावेद अख्तर ने कही यह बात
वहीं फवाद खान (fawad khan controversy)की फ़िल्म अबीर गुलाल पर बैन लगाने पर जावेद अख्तर ने यह भी कहा कि हम बैन लगाकर आखिर किसे खुश कर रहे हैं? वहां के कट्टरपंथी भी तो यही चाहते हैं और हम भी यही कर रहे हैं तो यह बड़ी दुविधा की बात है कि हम क्या कर रहे हैं और किसे खुश कर रहे हैं?