Jagannath Rath Yatra ki kahani: कल से शुरू हो रही है जगन्नाथ यात्रा , जानिये दिलचस्प बातें ;

Jagannath Rath Yatra Ki Kahani :हर साल असाढ़ माह में उड़ीसा के पुरी में जगन्नाथ यात्रा निकाली जाती है।  इस साल पुरी की जगन्ननाथ यात्रा 7 जुलाई, रविवार से शुरू हो रही है. इस रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ का रथ, देवी सुभद्रा का रथ और भगवान बलभद्र का रथ निकाला जाता है.

Jagannath Rath Yatra :

हर साल पुरी की रथयात्रा आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को प्रारंभ होती है. इस रथ यात्रा के लिए भगवान श्रीकृष्ण, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र के लिए नीम की लकड़ियों से रथ तैयार किए जाते हैं. सबसे आगे बड़े भाई बलराम का रथ, बीच में बहन सुभद्रा और पीछे जगन्नाथ श्रीकृष्ण (Shri Krishna) का रथ होता है. इन तीनों रथों के अलग-अलग नाम व रंग होते हैं. बलराम जी के रथ को तालध्वज कहा जाता है और इसका रंग लाल और हरा होता है. देवी सुभद्रा के रथ को दर्पदलन या पद्मरथ कहा जाता है और यह रथ काले या नीले रंग का होता है. भगवान जगन्नाथ का रथ नंदिघोष या गरुड़ध्वज कहलाता है और यह रथ पीले या लाल रंग का होता है. नंदिघोष की ऊंजाई 45 फीट ऊंची होती है, तालध्वज 45 फीट ऊंचा और देवी सुभद्रा का दर्पदलन पथ तकरीबन 44.7 फीट ऊंचा होता है. 

इस लिए अधूरी रह गयी मूर्तिया :

जब विश्वकर्मा जी मूर्ति बना रहे थे तब राजा इंद्रकुमार के सामने ये शर्त रखी कि वे दरवाजा बंद करके मूर्ति बनायेगे और जब तक मूर्ति बन नहीं जाती है तब तक कोई अंदर प्रवेश नहीं करेंगा। यदि दरवाजा खोल दिया तो मूर्ति निर्माण का कार्य रोक दिया जाएगा। राजा रोज मूर्ती के निर्माण कार्य को बंद दरवाजे के पीछे से आने वाली आवाजों से महसूस कर लेते थे . एक दिन राजा को कोई आवाज नहीं आयी, राजा को लगा मूर्ति निर्माण कार्य बंद कर विश्वकर्मा जी चले गए है. राजा ने दरवाजा खोल दिया और शर्त के अनुशार विश्वकर्मा जी ने मूर्ति का कार्य वही रोक दिया। इस तरह से भगवान् जगन्नाथ , बलभद्र और सुभद्रा की मूर्ति अधूरी रह गयी.

ऐसा माना जाता है कि अपनी लीलाये समाप्त कर श्री कृष्ण वैकुंठ चले गए। पांडवो ने उनका अंतिम संस्कार कर दिया। लेकिन उनका दिल जलता रहा। पांडवों ने उनके जलते दिल को जल में प्रवाहित कर दिया और वह दिल एक लट्ठे में बदल गया. बाद में यही लट्ठा राजा इंद्रकुमार को मिल गया और उन्होंने इसे मंदिर में स्थापित कर दिया। तब से यह वही स्थापित है.

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