Jabalpur High Court: पटवारी के अधिवक्ता ने उनकी ओर से दलीलें पेश कीं, जबकि आपत्ति जताने वाले पक्षों के वकील भी सुनवाई के दौरान मौजूद रहे। अप्रैल 2024 में झाबुआ में जीतू पटवारी और कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने एक 11 वर्षीय आदिवासी रेप पीड़िता की तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की थी। मई 2024 में ग्वालियर में पूर्व मंत्री इमरती देवी के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी की थी
High Court’s Decision on Jeetu Patwari: मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अपने खिलाफ दर्ज दो एफआईआर को जबलपुर हाईकोर्ट में चुनौती दी है। शुक्रवार को जस्टिस संजय द्विवेदी की अदालत में सुनवाई के बाद दोनों मामलों में फैसला सुरक्षित रख लिया गया। कोर्ट जल्द ही अंतिम निर्णय सुनाएगा।
पटवारी के अधिवक्ता ने उनकी ओर से दलीलें पेश कीं, जबकि आपत्ति जताने वाले पक्षों के वकील भी सुनवाई के दौरान मौजूद रहे। दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा।
पहला मामला: रेप पीड़िता की पहचान उजागर करने का आरोप
अप्रैल 2024 में झाबुआ में जीतू पटवारी और कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने एक 11 वर्षीय आदिवासी रेप पीड़िता के घर जाकर मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने पीड़िता की तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की, जिससे उसकी पहचान उजागर हुई। इसके चलते झाबुआ पुलिस ने पॉक्सो एक्ट और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की।
जानकारी के मुताबिक, गांव के ही 14 से 18 वर्ष के दो किशोरों ने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था। इस अपराध में मदद करने वाले एक अन्य किशोर सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
दूसरा मामला: इमरती देवी पर आपत्तिजनक टिप्पणी
मई 2024 में ग्वालियर के डबरा थाने में दूसरी एफआईआर दर्ज की गई। इसमें एक वायरल वीडियो के आधार पर जीतू पटवारी पर पूर्व मंत्री इमरती देवी के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है। वीडियो में पटवारी ने कहा, “देखो ऐसा है, अब इमरती जी का रस खत्म हो गया है। जो अंदर चाशनी होती है… उनके लिए अब मैं कुछ बात नहीं कर रहा।” इस बयान को लेकर इमरती देवी ने डबरा थाने में आईपीसी और एससी/एसटी एक्ट के तहत शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई।