क्या मोहन की सरकार सॉफ्ट हिंदुत्व की बजाए हार्ड हिंदुत्व को लेकर आगे बढ़ रही है?

Chief Minister Dr. Mohan Yadav

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में शानदार जीत के साथ भारी बहुमत से सरकार में लौटी भारतीय जनता पार्टी के मुखिया डॉ मोहन यादव(Chief Minister Dr. Mohan Yadav), उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath) की रह में चलते दिख रहे हैं. एमपी सीएम ने जिस तरह से तीन दिन में 5 फैसले लिए हैं. ऐसे में लोगों का मानना है कि सरकार सॉफ्ट हिंदुत्व की वजह हार्ड हिंदुत्व में आगे बढ़ने वाली है. अभी जो समझ में आ रहा है कि वर्त्तमान मोहन सरकार मोदी की गारंटी को पूरा करने का प्रयास करेगी। कोशिस होगी की सरकार का चेहरा बदला है तो लोगों को धरातल पर काममाज में फर्क भी दिखे।

जिस तरह से मोहन सरकार ने सत्ता में आने के बाद फैसले लिए हैं. वैसे ही फैसले सरकार में आने के बाद उत्तरप्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने भी लिए थे. राजनितिक पंडितों की माने तो मोहन यादव शिवराज सिंह चौहान से इतर अपनी एक नई छवि गढ़ने में जुटे हुए हैं.

धार्मिक स्थलों से लाउड स्पीकर हटाने का निर्णय

13 दिसंबर को शपथ ग्रहण करने के बाद अपने पहली ही कैबिनेट की बैठक में पूरे प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर तेज आवाज में बजने वाले लाउड स्पीकर हटाने के आदेश जारी किए हैं. जिसके लिए एक हफ्ते की मोहलत दी गई थी. इसके लिए हर शहर में उड़नदस्ते गठित किए जा रहे हैं. सभी कलेक्टर और एसपी अपने-अपने जिलों में धर्मगुरुओं के साथ बैठक कर इस पर आदेश पालन कराने में जुट गए हैं.

एक हफ्ते का टाइम दिया गया है. एक सप्ताह के बाद प्रशासन तेज आवाज वाले साउंड स्पीकर को जब्त करेगा। ऐसा नहीं करने पर एफआईआर भी दर्ज की जाएगी। कुछ इसी तरह का फैसला यूपी सरकार ले चुकी है. इसका ड्राफ्ट भी यूपी सरकार से मांगकर तैयार किया जा गया है. बताते चलें कि लाउड स्पीकर को लेकर को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहले ही दिशा निर्देश जारी कर चुकी है. लेकिन उसका पालन नहीं हो रहा है.

डॉ यादव ने साफ कर दिया है कि सरकार सनातन की रह पर चलेगी। इसी तरह तरह डीजे पर भी रोक लगाया गया है. ध्वनि प्रदुषण नियम 2000 के अनुसार धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रम और यात्राओं में सिर्फ दो डीजे की अनुमति दी जाएगी। डीजे भी माध्यम आकर के होने चाहिए। डीजे और लाउड स्पीकर का उपयोग करने के लिए विधिवत अनुमान लेनी होगी।

यूपी की तरह पर खुले में मांस-मछली की बिक्री बैन


उत्तर प्रदेश की तरह ही मध्य प्रदेश में भी अब खुले में मांस-मछली की बिक्री को रोक लगा दिया गया है। सरकार के इस निर्णय ने साफ कर दिया है कि ये कट्‌टर हिंदुत्व के एजेंडे पर चलेगी। धार्मिक स्थलों से 100 मीटर के दायरे में इस तरह की दुकानों को भी बंद करने का आदेश दिया गया है। सरकार के इस निर्णय का कई धार्मिक संगठनों ने स्वागत किया है। नगर निगम को इस पर कार्रवाई के लिए कहा गया है। पूरे प्रदेश में खुले में मांस-मछली की बिक्री पर रोक लगाने का अभियान शुरू कर दिया है।

भ्रष्टाचार मुक्त और सुशासन की राह पर चलने का संकेत


CM मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने 14 दिसंबर को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग कर कलेक्टर और कमिश्नर को शाक्त आदेश दिए हैं और कहा है कि ईमानदारी से काम करने वाले अधिकारी को ही मैदान में उतारा जाएगा। लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। सरकार ने रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण संबंधी आदेश जारी कर सुशासन की झलक भी दिखा दी है।

सीएम हेल्प लाइन (CM Help Line)के आंकड़ों के मुताबिक राजस्व विभाग में सबसे ज्यादा शिकायतें नामांतरण संबंधी मामलों की आती हैं। प्रदेश में बोरवेल में बच्चों के गिरने और हो रही मौतों से बचने के लिए सभी कलेक्टरों की जवाबदारी तय करना भी इसी दिशा में बढ़ाया हुआ कदम माना जा रहा है।

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