Infosys founder Narayan Murthy : Infosys के Founder Narayan Murthy ने बताई हफ्ते में 70 घंटे काम करने का ठोस कारण

Infosys founder Narayan Murthy : इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने एक बार फिर सप्ताह में 70 घंटे काम करने की बात दोहराई है और कहा कि देश के युवाओं को समझना होगा कि हमें कड़ी मेहनत करनी है और देश को नंबर-1 बनाने की दिशा में काम करना है। उन्होंने कहा कि हमें काम करना है, अपनी आकांक्षाएं ऊंची रखनी चाहिए, जिससे देश में 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन मिलता है। अर्थात देश की 80 करोड़ आबादी आज भी गरीबी दायरे के भीतर है।

पिछले साल देश को मूर्ति ने दिया यह एक सुझाव। Infosys founder Narayan Murthy

आपको बता दें कि Narayan Murthy ने देश को विकास के मार्ग पर अग्रसर करने के लिए पिछले वर्ष 2023 में 70 घंटे काम करने का विचार सुझाया था। हालांकि कई लोगों और कुछ डॉक्टरों ने उनकी आलोचना की थी, लेकिन ओला के सीईओ भाविश अग्रवाल समेत कई लोगों ने इसकी सराहना भी की थी। मूर्ति ने कोलकाता में हाल ही में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि युवा पीढ़ी को यह एहसास होना चाहिए कि उन्हें “कड़ी मेहनत करनी होगी और देश को नंबर वन बनाने की दिशा में काम करना होगा।

आरपीएसजी ग्रुप के चेयरमैन संजीव गोयनका ने क्या कहा?

इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के शताब्दी समारोह में आरपीएसजी ग्रुप के चेयरमैन संजीव गोयनका से बातचीत में नारायण मूर्ति ने कहा, “इंफोसिस में मैंने कहा था कि हम सर्वश्रेष्ठ बनेंगे और अपनी तुलना सर्वश्रेष्ठ वैश्विक कंपनियों से करेंगे।आन कर चले को हम अपनी तुलना बाहरी कंपनियों से करने लगें तो हमारी गिनती सर्वश्रेष्ठ कमानियों में आएगी और मैं आपको यकीन दिलाता हूं। कि हम भारतीयों के पास करने के लिए बहुत कुछ है।

मूर्ति ने कहा कि देश गरीबी से जूझ रहा है। Infosys founder Narayan Murthy

मूर्ति ने कहा कि उन्हें “यह एहसास हुआ कि देश गरीबी से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि उद्यमी धन और रोजगार पैदा करके राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आगे विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा, “उद्यमी राष्ट्र का निर्माण करते हैं क्योंकि वे रोजगार के अवसर पैदा करते हैं, वे अपने निवेशकों के लिए धन पैदा करते हैं और वे करों का भुगतान करते हैं। इसलिए, यदि कोई देश पूंजीवाद को अपनाता है, तो वह अच्छी सड़कें, रेलगाड़ियाँ और अच्छा बुनियादी ढांचा बनाएगा।

डॉक्टर लंबे समय तक काम करने के दुष्प्रभावों के बारे में बताते हैं।

नारायण मूर्ति की यह टिप्पणी कार्यस्थल पर युवा भारतीयों द्वारा सामना किए जाने वाले तनाव के बारे में चिंताओं के बीच आई है, जिसके परिणामस्वरूप कई मौतें होती हैं। आपको बता दें डॉक्टरों ने भी लंबे समय तक काम करने के गंभीर दुष्परिणाम भी रिपोर्ट्स में सामने आए हैं जो न केवल कर्मचारियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं बल्कि उनके व्यक्तिगत और सामाजिक संबंधों पर भी गंभीर दुष्प्रभाव डाल सकते हैं।

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