भारत ने चिनाब नदी का पानी रोका, अब पानी को तरसेगा पाकिस्तान

India stopped the water of Chenab river: भारत ने हाल ही में पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को निलंबित करने के बाद चिनाब नदी (Chenab River) का पानी रोक दिया है। न्यूज एजेंसी पीटीआई (PTI) की रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू के रामबन जिले में स्थित बगलिहार बांध (Baglihar Dam) से चिनाब नदी का पानी प्रवाह रोक दिया गया है। इसके साथ ही, कश्मीर में किशनगंगा बांध (Kishanganga Dam) के जरिए झेलम नदी (Jhelum River) का पानी रोकने की योजना पर काम चल रहा है। यह कदम पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के जवाब में भारत की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ उठाए गए कई प्रतिशोधात्मक कदमों का हिस्सा है।

चिनाब नदी का पानी रोकने से पाकिस्तान पर क्या प्रभाव पड़ेगा

What will be the impact on Pakistan after Chenab river water is stopped: चिनाब और झेलम नदियों का पानी रोकने से पाकिस्तान के कई क्षेत्रों, विशेष रूप से कृषि और जलविद्युत (Pakistan Hydropower) पर निर्भर क्षेत्रों, पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। सिंधु जल संधि के तहत, चिनाब, झेलम और सिंधु नदियों (Western Rivers) का पानी मुख्य रूप से पाकिस्तान को आवंटित है, जो इसकी 80% कृषि भूमि और लगभग एक तिहाई जलविद्युत उत्पादन (Hydropower Generation) के लिए महत्वपूर्ण है। निम्नलिखित क्षेत्रों पर प्रभाव संभावित है:

  1. पंजाब प्रांत:
    • पाकिस्तान का पंजाब प्रांत, विशेष रूप से लाहौर और मुल्तान जैसे क्षेत्र, सिंधु और उसकी सहायक नदियों, विशेष रूप से चिनाब, पर निर्भर है। यह क्षेत्र देश की 80% सिंचित भूमि का हिस्सा है, जहां गेहूं, चावल, गन्ना और कपास (Wheat, Rice, Sugarcane, Cotton) जैसी फसलें उगाई जाती हैं। चिनाब का पानी कम होने से फसल उत्पादन में भारी कमी आ सकती है, जिससे खाद्य असुरक्षा (Food Insecurity) बढ़ सकती है।
  2. सिंध प्रांत:
    • कराची और अन्य शहरी केंद्र चिनाब और सिंधु नदियों से पानी प्राप्त करते हैं। पानी की कमी से शहरी जल आपूर्ति (Urban Water Supply) प्रभावित हो सकती है, जिससे जनसंख्या पर दबाव बढ़ेगा।
  3. जलविद्युत उत्पादन
    • पाकिस्तान के प्रमुख जलविद्युत संयंत्र, जैसे तरबेला बांध (Tarbela Dam) और मंगला बांध (Mangla Dam), इन नदियों के पानी पर निर्भर हैं। पानी का प्रवाह कम होने से बिजली उत्पादन (Electricity Production) में कमी आ सकती है, जिससे ऊर्जा संकट (Energy Crisis) गहरा सकता है।
  4. खाद्य और आर्थिक सुरक्षा
    • पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान लगभग 25% है। पानी की कमी से कृषि उत्पादन प्रभावित होने पर खाद्य कीमतें बढ़ सकती हैं और आर्थिक अस्थिरता (Economic Instability) बढ़ सकती है। विश्व बैंक के अनुसार, पाकिस्तान पहले से ही दुनिया के सबसे अधिक जल-तनावग्रस्त देशों (Water-Stressed Countries) में से एक है। (Long-tail Keywords: Pakistan Water Crisis, Economic Impact of Indus Water Suspension)

चिनाब नदी का पानी रोकने पर पाकिस्तान का रिएक्शन

Pakistan’s reaction on stopping the water of Chenab river: पाकिस्तान ने भारत के इस कदम को “युद्ध की कार्रवाई” (Act of War) करार दिया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि पानी के प्रवाह को रोकने या मोड़ने की किसी भी कोशिश को “युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा और इसका पूर्ण बल के साथ जवाब दिया जाएगा।” पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा, “सिंधु हमारा है और सिंधु हमारा रहेगा, चाहे इसमें पानी बहे या उनका खून।” इसके अलावा, पाकिस्तान ने संभावित रूप से अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice) या स्थायी मध्यस्थता न्यायालय (Permanent Court of Arbitration) में जाने की बात कही है, हालांकि भारत ने संधि निलंबन के बाद इन मंचों की अधिकारिता को चुनौती दी है। पाकिस्तान विश्व बैंक (World Bank) से भी हस्तक्षेप की मांग कर सकता है, जो इस संधि का मूल मध्यस्थ है।

भारत की रणनीति

भारत ने संधि निलंबन के बाद कई तात्कालिक कदम उठाए हैं, जैसे बगलिहार बांध से पानी का प्रवाह रोकना और किशनगंगा बांध पर इसी तरह की कार्रवाई की योजना। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत मौजूदा बुनियादी ढांचे (Infrastructure) के साथ पानी को पूरी तरह रोक नहीं सकता, क्योंकि इसके लिए बड़े जलाशय बांध (Storage Dams) की जरूरत है, जिनके निर्माण में 5-10 साल लग सकते हैं। हालांकि, भारत अब बिना पाकिस्तान को सूचित किए नए बांध डिजाइन और निर्माण कर सकता है, जैसे रतले (Ratle Dam), पाकल दुल (Pakal Dul), और अन्य परियोजनाएं। इसके अलावा, भारत ने बाढ़ डेटा (Flood Data) और नदी प्रवाह की जानकारी साझा करना बंद कर दिया है, जिससे पाकिस्तान में सूखा (Drought) या बाढ़ (Flood) की स्थिति का अनुमान लगाना मुश्किल हो सकता है।

भारत का यह कदम पाकिस्तान पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, खासकर आतंकवाद (Terrorism) के मुद्दे पर। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि पानी को पूरी तरह रोकना तुरंत संभव नहीं है, लेकिन लंबे समय में नए बांधों और जलाशयों के निर्माण से पाकिस्तान की जल आपूर्ति पर गंभीर असर पड़ सकता है। इस बीच, पाकिस्तान की कड़ी प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जाने की धमकी से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है।

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