Indore Contaminated Water Deaths: देश का सबसे स्वच्छ शहर कहलाने वाला इंदौर आज सवालों के घेरे में है। भागीरथपुरा इलाके में दूषित पानी पीने से अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 150 से ज्यादा लोग तेज बुखार और उल्टी-दस्त से जूझ रहे हैं। (Indore Contaminated Water Deaths) अस्पतालों में मरीजों की भीड़ है, कई की हालत गंभीर है। ये जहरीला पानी पाइपलाइन लीकेज से ड्रेनेज के मिक्स होने से आया, जिसकी शिकायतें महीनों से की जा रही थीं, लेकिन अफसरों ने अनदेखी की। (Indore Pipeline Leakage Sewage Mix) CM मोहन यादव ने 3 अफसरों को सस्पेंड कर दिया और जांच कमिटी गठित की। पीड़ित परिवारों में मातम है, लोग इसे ‘लापरवाही से सामूहिक हत्याकांड’ बता रहे हैं।
दूषित पानी से मौतें: 8 लोग गए, 150+ बीमार
Indore Contaminated Water Deaths Toll: भागीरथपुरा में दूषित पानी से पहली मौत 26 दिसंबर को गोमती रावत की हुई। उसके बाद 5 दिनों में 8 मौतें – मंगलवार को 5, रात में 3।
- 1300 से ज्यादा लोग प्रभावित
- 1146 को प्राथमिक उपचार
- 111 गंभीर भर्ती।
- लक्षण – तेज बुखार, उल्टी, दस्त, पेट दर्द। (Contaminated Water Indore Symptoms)
पाइपलाइन लीकेज की शिकायतें दबाई गईं
Indore Water Pipeline Leak Negligence: अफसरों को पता था कि चौकी के पास पानी की मेन पाइपलाइन लीक है और ड्रेनेज मिक्स हो रहा है। (Indore Pipeline Leak Sewage Contamination) 1200+ शिकायतें CM हेल्पलाइन और नगर निगम ऐप पर की गईं, लेकिन फोर्स क्लोज कर दी गईं।अगस्त में नई पाइपलाइन का टेंडर हुआ, लेकिन खोला ही नहीं गया। मौतें होने के बाद 29 दिसंबर को टेंडर खोला।
सरकारी एक्शन: 3 अफसर सस्पेंड, मुआवजा और जांच
सीएम मोहन यादव ने जोनल अधिकारी शालिग्राम शितोले, असिस्टेंट इंजीनियर योगेश जोशी को सस्पेंड कर दिया और डिप्टी इंजीनियर शुभम श्रीवास्तव की सेवा समाप्त कर दी ।मृतकों को 2-2 लाख मुआवजा दिया और मरीजों को मुफ्त इलाज की गारंटी दी गई। सीएम के आदेश पर 3 सदस्य जांच टीम गठित हुई है.
