Indian Defence Company Share Market: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बावजूद भी भारतीय शेयर बाजार ने पिछले कुछ दिनों में उल्लेखनीय स्थिरता और लचीलापन दिखाया है। बता दे 7 मई 2025 कि अल सुबह ऑपरेशन सिंदूर (operation sindoor)को लांच किया गया जिसके चलते भारतीय सेना ने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमले किए जिसको देखते हुए भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी स्थिति का निर्माण हो चुका था, परंतु फिर भी इसके बावजूद बाजारों में अपेक्षाकृत वृद्धि दिखाई दी है।

विदेशी निवेशकों का बढ़ रहा है भारत पर विश्वास(foreign investors on indian market)
जी हां, वित्तीय जानकारों की मानें तो युद्ध की स्थिति के चलते भी भारत के शेयर बाजार काफी स्थिरता मेंटेन किए हुए हैं। उल्टा रक्षा क्षेत्र के शेयर में भारी उछाल देखा जा रहा है। वहीं पकिस्तान के रक्षा उपकरण के चलते कई देशों के रक्षा हथियारों की पोल खुल गई है और इसका सीधा फायदा भारत को मिल रहा है। पाकिस्तान और भारत के बीच दिन-ब-दिन सैन्य तनाव बढ़ रहा है जिसको देखते हुए वित्तीय जानकार कयास लग रहे थे कि इसका सीधा असर भारत के शेयर बाजार पर पड़ेगा परंतु इस घटना का कोई भी प्रभाव शेयर बाजार (indian share market after operation sindoor) पर नहीं पड़ा बल्कि शेयर मार्केट में शायद भारत को लेकर भरोसा और बढ़ गया है।
पाठकों की जानकारी के लिए बता दें भारत-पाकिस्तान के बीच इससे पहले भी सैन्य तनाव रह चुका है और हर बार इन घटनाओं के बाद अल्पकालिक प्रभाव हुए हैं परंतु यह प्रभाव हमेशा भारत के पक्ष में हुए और पाकिस्तान को आर्थिक नुकसान हुआ। इस बार भी ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत का शेयर बाजार काफी स्थिर दिखाई दे रहा है। यहां तक की और ज्यादा वृद्धि की आशंका जताई जा रही है। उल्टा निवेशकों का विश्वास अब भारत सरकार पर बढ़ रहा है और दीर्घकालिक निवेश योजनाओं में निवेशक बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
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विदेशी निवेशक दिखा रहे भारतीय हथियारों में रुचि(brahmos missile ke order)
भारतीय बाजार में अरब निवेशकों की रुचि की वजह से युद्ध जैसी स्थिति होने के बावजूद भी भारतीय बाजार में स्थिरता दिखाई दे रही है जिसका मुख्य कारण भारत की आर्थिक वृद्धि ,मुद्रास्फीति नियंत्रण और राजकोषीय अनुशासन बताया जा रहा है। इसके अलावा कई विदेशी देश भारत के इस पहल को सहयोग दे रहे हैं जिसके चलते भी निवेशकों का विश्वास अर्थव्यवस्था में अब तक बना हुआ है विदेशी निवेशकों का भी भारत पर पूरा विश्वास बना हुआ है। विदेशी संस्थागत निवेशक और घरेलू संस्थागत निवेशक अब इन घटनाओं को अस्थायी मानने लगे हैं और दीर्घकालिक निवेश रणनीतियों पर ध्यान देने लगे हैं जिसकी वजह से विदेशी निवेशक अब ऐसी घटनाओं से पीछे नहीं हट रहे।
कुल मिलाकर भारत-पाकिस्तान के बढ़ते तनाव के बावजूद भी भारतीय शेयर बाजार काफी स्थिर दिखाई दिए। ऑपरेशन सिंदूर के बावजूद भी बाजारों में अपेक्षाकृत वृद्धि ही दिखाई दे रही है जिससे स्पष्ट होता है कि निवेशकों का भरोसा भारतीय अर्थव्यवस्था पर जस का तस बना हुआ है। यहां तक कि निवेशक भारत के हर निर्णय में कंधे से कंधा मिलाकर साथ चलने वाले हैं जिसकी वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था आने वाले कुछ समय मे और बेहतर हो जाएगी।