मंगलवार, 28 जनवरी को भारत – श्रीलंका समुद्री बॉर्डर में श्रीलंकाई नेवी (Sri Lanka Navy Shot Indian Fisherman) ने भारतीय मछुआरो पर गोलियां चलाई, इस हमने में कई मछुआरे घायल हो गए. इन भारतीय मछुआरों की गलती सिर्फ इतनी थी कि ये गलती से श्रीलंका की समुद्री सीमा में पहुंच गए थे लेकिन श्री लंका की नेवी ने उनके साथ ऐसा बर्ताव किया जैसे वो कोई घुसपैठियाँ हों.
श्री लंका की नौसेना की फायरिंग में 5 मछुआरे घायल हो गए। ये सभी डेल्फ्ट द्वीप के पास मछली पकड़ने गए थे। यह द्वीप श्रीलंका के अधिकार में है। इन मछुआरों का श्रीलंका के जाफना टीचिंग हॉस्पिटल में इलाज हो रहा है।
भारत सरकार ने क्या एक्शन लिया?
जब श्री लंका नेवी की गोलियों से घायल मछुआरों से भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने अस्पताल में मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। उन्होंने मछुआरों और उनके परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की है। जबकि भारत सरकार ने फायरिंग को गंभीर मानते हुए श्रीलंका के कार्यवाहक उच्चायुक्त को तलब किया और घटना पर कड़ा विरोध दर्ज कराया। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।
भारत बोला थोड़ा मानवता दिखाओ
इंडियन हाई कमीशन ने कोलंबो में श्रीलंका के विदेश मंत्रालय के सामने इस मामले को उठाया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार ने हमेशा मछुआरों से जुड़े मुद्दों को मानवीय तरीके से निपटाने पर जोर दिया है। इसमें आजीविका से जुड़ी चिंताओं को ध्यान में रखा गया है।विदेश मंत्रालय ने कहा कि किसी भी हालत में बल प्रयोग स्वीकार्य नहीं किए जाएंगे। इस संबंध में दोनों सरकारों के बीच मौजूदा सहमति का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।