Mann ki baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 125वें एपिसोड में लोकल फॉर वोकल पर ज़ोर दिया। उन्होंने लोगों से स्वदेशी उत्पादों के इस्तेमाल की अपील की और कहा कि गर्व से कहो कि यह स्वदेशी है। मन की बात का यह 125वां एपिसोड है। इसका प्रसारण ऐसे समय में हुआ जब देश अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से टैरिफ की समस्या का सामना कर रहा है। अपने संबोधन की शुरुआत में पीएम मोदी ने प्राकृतिक आपदाओं का ज़िक्र किया और बड़े पैमाने पर जान-माल के नुकसान की घटनाओं पर दुख जताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने सेना के काम की तारीफ़ की। Mann ki baat
उन्होंने आपदा की इस घड़ी में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय एजेंसियों की सराहना की। उन्होंने सेना के काम की भी तारीफ़ की। उन्होंने कहा- ‘आपदा की घड़ी में सेना मदद के लिए आगे आई। स्थानीय लोगों, समाजसेवियों, डॉक्टरों, प्रशासन, सभी ने संकट की इस घड़ी में हर संभव प्रयास किया। मैं इस कठिन समय में मानवता को सर्वोपरि रखने वाले प्रत्येक नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।’
प्रतिभा सेतु क्या है? जिसका ज़िक्र पीएम मोदी ने किया।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि हम सभी ने सिविल सेवा के टॉपर्स के प्रेरक शब्द कई बार सुने हैं। हज़ारों उम्मीदवार ऐसे होते हैं जो बहुत काबिल होते हैं, उनकी मेहनत भी किसी से कम नहीं होती, लेकिन वे मामूली अंतर से फाइनल लिस्ट तक नहीं पहुँच पाते। इन उम्मीदवारों को दूसरी परीक्षाओं के लिए नए सिरे से तैयारी करनी पड़ती है। इससे उनका समय और पैसा दोनों खर्च होता था। इसलिए, अब ऐसे होनहार छात्रों के लिए एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म बनाया गया है और इसका नाम है ‘प्रतिभा सेतु’। निजी कंपनियां इस पोर्टल से इन होनहार छात्रों की जानकारी प्राप्त कर उन्हें रोज़गार दे सकती हैं।
जम्मू-कश्मीर की उपलब्धियों का ज़िक्र। Mann ki baat
उन्होंने कहा – बाढ़ और बारिश की इस तबाही के बीच, जम्मू-कश्मीर ने दो बेहद ख़ास उपलब्धियाँ भी हासिल की हैं। ज़्यादातर लोगों ने इन पर ध्यान नहीं दिया था, लेकिन जब आप उन उपलब्धियों के बारे में जानेंगे, तो आपको बहुत खुशी होगी। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा के एक स्टेडियम में रिकॉर्ड संख्या में लोग इकट्ठा हुए। पुलवामा का पहला डे-नाइट क्रिकेट मैच यहीं खेला गया। पहले यह असंभव था, लेकिन अब मेरा देश बदल रहा है। यह मैच ‘रॉयल प्रीमियर लीग’ का एक हिस्सा है, जिसमें जम्मू-कश्मीर की अलग-अलग टीमें खेल रही हैं। पुलवामा में रात में हज़ारों लोग, खासकर युवा, क्रिकेट का आनंद ले रहे थे – यह नज़ारा वाकई देखने लायक था।
स्वदेशी को कभी नहीं भूलना चाहिए – प्रधानमंत्री मोदी
अपने संबोधन के अंत में, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आने वाले दिनों में कई त्योहार आएंगे। इन त्योहारों में, आपको स्वदेशी को कभी नहीं भूलना चाहिए। उपहार भारत में बनने चाहिए, कपड़े भारत में बुने जाने चाहिए, सजावट का सामान भारत में बनना चाहिए, दीयों की मालाएँ भारत में बननी चाहिए – और भी बहुत कुछ, जीवन की हर ज़रूरत की हर चीज़ स्वदेशी होनी चाहिए। गर्व से कहो ‘यह स्वदेशी है’, गर्व से कहो ‘यह स्वदेशी है’, गर्व से कहो ‘यह स्वदेशी है’। हमें इसी भावना के साथ आगे बढ़ना है। एक मंत्र ‘वोकल फॉर लोकल’, एक मार्ग ‘आत्मनिर्भर भारत’, एक लक्ष्य ‘विकसित भारत’।