चित्रकूट। एमपी के चित्रकूट में संचालित महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय का 13वां दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथी मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल रहे। शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री पटेल ने 37 पीएचडी, 540 स्नातक और 222 स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गईं। उन्होने 37 शोधार्थियों को पीएचडी उपाधि, 35 मेधावी छात्रों को पदक और एक विद्यार्थी को नानाजी मेडल प्रदान देकर सम्मनित किए है।
विद्यार्थियों को दिए ऐसा ज्ञान
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कार्यक्रम के दौरान अपना उद्रबोधन देते हुए नानाजी देशमुख के जीवन एवं कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि नानाजी देशमुख के इस विश्वविद्यायल में पढ़ाई करने का अवसर मिलना सौभाग्य की बात है। उन्होने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान देना नहीं, बल्कि वंचित समुदाय की उन्नति का मार्ग प्रशस्त करना भी है। एक गुरू की तरह विवि के विद्यार्थियों को ज्ञान देते हुए राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों को बौद्धिक विचारों से प्रेरणा लेकर अपने जीवन की दिशा तय करनी चाहिए, इससे उनका जीवन बेहतर और सुखी होगा।
नई शिक्षा नीति में समाहित है नानाजी का दृष्टिकोण
उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि भारत की नई शिक्षा नीति में नानाजी का दृष्टिकोण समाहित है, क्योकि नानाजी कृषि, स्वास्थ्य और विज्ञान के क्षेत्रों में नवाचार करते हुए समाज के हित में समाधान खोजने पर जोर दिए। इस अवसर पर राष्ट्रीय शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली के डॉ. अतुल कोठारी, विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. भरत मिश्रा ने छात्रों को सम्बोधित करके नई शिक्षा नीति की जानकारी दिए।