ACTION ON ILLEGAL IMMIGRANTS: देशभर में हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों की गहनता से पहचान और छानबीन का कार्य शुरू कर दिया गया है। इसी क्रम में गुजरात राज्य से एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है, जहां दो प्रमुख शहरों – अहमदाबाद और सूरत से कुल 1024 अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों को हिरासत में लिया गया है।
विशेष जानकारी के अनुसार, अहमदाबाद शहर से सबसे अधिक 890 विदेशी नागरिक पकड़े गए हैं, जबकि सूरत से 134 अवैध निवासी पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। इन सभी विदेशी नागरिकों के पास भारत में वैध निवास या पहचान से संबंधित कोई भी कानूनी दस्तावेज नहीं पाए गए, जिस कारण से इन्हें भारतीय क्षेत्र से निष्कासित करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
गुजरात पुलिस ने इस व्यापक और सुनियोजित ऑपरेशन को अवैध प्रवासियों और अवैध अतिक्रमण के विरुद्ध एक ऐतिहासिक ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ करार दिया है। इस अभियान की शुरुआत 26 अप्रैल की सुबह लगभग 3:00 बजे की गई थी, जिसमें पुलिस के विभिन्न विशेष प्रकोष्ठों – जैसे क्राइम ब्रांच, स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG), आर्थिक अपराध शाखा (EOW), ज़ोन-6 और मुख्यालय की टीमों ने समन्वय बनाकर कार्रवाई को अंजाम दिया।
पुलिस के मुताबिक, सबसे बड़ी संख्या में अवैध निवासियों को अहमदाबाद के चंडोला झील क्षेत्र से पकड़ा गया, जो कि लंबे समय से निगरानी में था। पकड़े गए सभी विदेशी नागरिकों को प्रारंभिक रूप से कांकरिया फुटबॉल ग्राउंड में रखा गया, जहां उनकी वीडियो रिकॉर्डिंग ड्रोन के माध्यम से करवाई गई और इस अभियान के दृश्य मीडिया में भी व्यापक रूप से प्रसारित किए गए।
इस ऐतिहासिक कार्रवाई के बाद गुजरात के गृह राज्य मंत्री श्री हर्ष सांघवी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए इसे गुजरात पुलिस की अब तक की सबसे बड़ी और सफलतम कार्यवाही बताया। उन्होंने कहा कि गुजरात पुलिस ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्ती दिखाते हुए ‘लाल आंख’ दिखाई है और यह स्पष्ट संदेश दिया है कि राज्य में कानून का उल्लंघन कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
गृह मंत्री ने यह भी बताया कि ये अवैध बांग्लादेशी नागरिक फर्जी दस्तावेजों के सहारे पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत में प्रवेश करते हैं और फिर विभिन्न राज्यों, विशेष रूप से गुजरात में फैल जाते हैं। इनमें से कई अवैध नागरिक मादक पदार्थों के तस्करी रैकेट, मानव तस्करी और अन्य आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाए गए हैं। उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि पूर्व में दो बांग्लादेशी नागरिकों को अल-कायदा के स्लीपर सेल के रूप में गिरफ्तार किया जा चुका है।
गृह मंत्री ने अवैध प्रवासियों को दो टूक चेतावनी देते हुए कहा कि या तो वे स्वयं दो दिनों के भीतर निकटतम पुलिस स्टेशन में जाकर आत्मसमर्पण करें या फिर गुजरात पुलिस उनसे सख्त कार्रवाई करते हुए न भूतो न भविष्यति प्रकार की कार्यवाही करेगी। उन्होंने बताया कि गुजरात के हर जिले को इस संबंध में सख्त निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
इसी बीच, गुजरात के पुलिस महानिदेशक (DGP) श्री सहाय ने भी केंद्रीय एजेंसियों से अनुरोध किया है कि हिरासत में लिए गए बांग्लादेशी नागरिकों की गहनता से पहचान और सत्यापन कार्य में सहयोग प्रदान किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि बांग्लादेश से अवैध रूप से आए हुए सभी प्रवासियों को राज्य के प्रत्येक कोने से तलाशकर निकाला जाएगा और इसके लिए सभी पुलिस अधीक्षकों को विशेष निर्देश जारी किए जा चुके हैं।
इस समग्र अभियान ने न केवल गुजरात बल्कि पूरे देश में अवैध प्रवासियों और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ एक नया संदेश दिया है कि भारत की सुरक्षा और संप्रभुता के साथ कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा।