Pahalgam Terror Attack के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है आप भी देख और सुन ही रहे होंगे PM Modi की अध्यक्षता में मंगलवार को एक उच्च-स्तरीय सुरक्षा बैठक हुई जिसके बाद मोदी ने आतंकवाद को कुचलने का संकल्प लिया है. उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमताओं पर पूरा भरोसा जताया है और कहा सेना को अपना एक्शन, टारगेट और टाइम तय करने की खुली छूट है. ऐसे में War की संभावना प्रबल नज़र आती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की भारत और पाकिस्तान के बीच पूर्ण पैमाने पर जंग होती है तो इस पर कितना खर्चा आ सकता है अगर नहीं तो आज हम आपको बताते हैं…
लाखों करोड़ रुपये हो सकते हैं खर्च
गौरतलब है कि, अगर ऐसी परिस्थिति बनती है तो आप सोच भी नहीं पाएंगे की कितना खर्चा आयेगा जी हां यह रकम कई लाख करोड़ रुपये तक जा सकती है. हालांकि, युद्ध की लागत का सटीक अनुमान लगाना बहुत मुश्किल है. कारण है कि यह जंग की अवधि, तीव्रता और दायरे जैसे कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है. फिर भी कारगिल युद्ध के अनुभवों और कुछ अनुमानों के आधार पर एक आइडिया जरूर मिल सकता है.
कारगिल युद्ध में कितना लग धन
विभिन्न संसाधनों के मुताबिक, 1999 के कारगिल युद्ध की भारत के लिए अनुमानित लागत 5,000 करोड़ से 10,000 करोड़ रुपये के बीच थी. अब आपको लग रहा होगा की यह रकम तो काफी कम है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है यह उस समय के संदर्भ में एक बड़ी रकम थी. इसमें सैन्य अभियान, गोला-बारूद, रसद, सैनिकों का वेतन और अन्य संबंधित खर्च शामिल थे. भारतीय वायुसेना के हवाई हमलों का अनुमानित खर्च लगभग 2,000 करोड़ रुपये था. सेना के दैनिक ऑपरेशंस का खर्च लगभग 10-15 करोड़ रुपये था.
अब 10 हजार करोड़ में कुछ नहीं होगा लाखों करोड़ लगेंगे
India Pak War होता है तो इसकी लागत कारगिल युद्ध की तुलना में बहुत ज्यादा होगी. इसके पीछे कई कारण हैं. पहला, दोनों देशों की सेनाएं 1999 की तुलना में काफी बड़ी और अधिक उन्नत हो चुकी हैं. आधुनिक हथियार प्रणालियां और प्रौद्योगिकी बहुत महंगी हैं. दूसरा, कारगिल एक सीमित क्षेत्र में लड़ा गया था. एक व्यापक युद्ध में पूरे सीमा क्षेत्र, हवाई क्षेत्र और समुद्री क्षेत्र शामिल हो सकते हैं. इससे लागत कई गुना बढ़ जाएगी. तीसरा, कारगिल युद्ध लगभग ढाई महीने चला था. एक व्यापक युद्ध इससे लंबा चल सकता है. इससे दैनिक और समग्र खर्च में भारी बढ़ोतरी होगी. और यह लागत लाखों करोड़ तक पहुँच सकती है.
Economy पर पड़ेगा बुरा असर
युद्ध से अर्थव्यवस्था पर गंभीर आघात होगा. इससे उत्पादन में कमी, व्यापार में व्यवधान, महंगाई का बढ़ना और निवेशकों का विश्वास कम होना शामिल है. अप्रत्यक्ष आर्थिक लागत प्रत्यक्ष सैन्य लागत से कहीं अधिक हो सकती है. इसके अलावा सैनिकों और नागरिकों की जान-माल की हानि और घायलों की देखभाल की लागत भी बहुत अधिक होगी. इसका आकलन करना भी मुश्किल है. शेयर बाजारों में भी पैसा डूबने लगेगा.
40 दिन के युद्ध में आ सकता है 50 हजार करोड़ रुपये खर्च
आपको बताएं इसी महीने की एक रिपोर्ट की मानें तो, अगर भारत और पाकिस्तान के बीच चार सप्ताह का पारंपरिक युद्ध होता है तो भारत को अनुमानित 750 अरब डॉलर यानी 62 लाख करोड़ रुपये तक का आर्थिक नुकसान हो सकता है. यह खर्च युद्ध के कारण होने वाली व्यापक आर्थिक क्षति को ध्यान में रखता है, न कि केवल सैन्य खर्च को साथ ही एक अन्य अनुमान के अनुसार, एक सीमित 42-दिवसीय युद्ध की भारत को लागत लगभग 50,000 करोड़ रुपये आ सकती है.