विपक्षी दलों के घोषणापत्र: देश की जनता के पास नई सरकार चुनने के लिए 2 विकल्प हैं INDI अलायंस या फिर NDA. सुनने में बड़ा सिंपल लगता है कि दो दल हैं इन्ही में से एक सत्ता की कमान संभालेगी। लेकिन वास्तविकता में ये चुनाव बड़ा कन्फ्यूजिंग है और इस कन्फ्यूजन का जिम्मेदार खुद विपक्षी पार्टियां हैं जिन्होंने घोषणापत्र को भंडारे का हलवा बना दिया है जिसका जो मन पड़ रहा है वो अपने मेनिफेस्टों में उड़ेले दे रहा है. इधर बीजेपी/NDA की बात करें तो पूरा मामला क्लियर है. सब जानते हैं कि बीजेपी के प्रमुख एजेंडे क्या हैं? देश की जनता बीजेपी को वोट देती है तो प्रधान मंत्री कौन बनेगा सब पता है लेकिन इंडि अलायंस के बारे में यही बातें खुद अलायंस वालों को ही मालूम नहीं है कि कौन पीएम कैंडिडेट है और सरकार बनी तो किन-किन पार्टियों के वादे पूरे करने हैं. विपक्ष में सभी दल अपने आप को अल्फ़ा माने बैठे हैं सब आगे-आगे चल रहे हैं साथ में कोई नहीं चल रहा.
I.N.D.I.A.’s Manifesto: इंडि अलायंस के सामने कई चुनौतियाँ हैं. जैसे इस दल में कोई एक लीडर नहीं है जो ये तय करे कि इस अलायंस का क्या एजेंडा है. इनको बस इतना पता है कि साथ मिलकर चुनाव लड़े तो शायद जीत जाएं और सरकार बनाने की बारी आएगी तो देखा जाएगा। एक प्रॉपर लीडरशिप न होने के चलते विपक्षी दल से जुडी पार्टियों ने मनचाहा मेनिफेस्टो जारी किया है. मनचाहा मतलब जिसको जो खयाल आया उसे घोषणापत्र में लिखकर छपवा दिया। और यही चीज़ देखकर जनता पूछ रही है कि भाई कहना क्या चाहते हो? सबसे बड़ा सवाल यही है कि अगर इंडि अलायंस ये चुनाव जीत गई तो किन-किन पार्टियों के मेनिफेस्टो को अमल में लाया जाएगा? जनता किस पार्टी के मेनिफेस्टो पर भरोसा जताए? कांग्रेस के? सपा के? RJD के या TMC के? मजे की बात ये है कि इन सभी पार्टियों के घोषणापत्र एक दूसरे से अलग हैं.
पहले फ्रीबीज वाली घोषणाओं पर चर्चा करते हैं
कांग्रेस कहती है कि अगर इंडि अलायंस सरकार बनी तो हर गरीब परिवार की एक बुजुर्ग महिला को सालाना एक लाख रुपए देंगे तो सपा ने कहा है कि राशनकार्ड होल्डर्स को 500 रुपए का मोबाइल इंटरनेट डेटा फ्री में देंगे, RJD ने वादा किया है कि रक्षाबंधन के दिन गरीब बहनों को एक-एक लाख रुपए देंगे, गैस सिलेंडर 500 रुपए में देंगे और 200 यूनिट बिजली फ्री-फ्री-फ्री। इधर TMC ने BPL कार्ड होल्डर्स को सालाना 10 LPG सिलेंडर फ्री में देने का वादा किया है.
अब बात करते हैं रोजगार की
कांग्रेस ने अपने न्यायपत्र में एलान किया है कि सरकार बनने पर केंद्रीय नौकरियों में 50% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी और केंद्र सरकार रिक्त 30 लाख नौकरियों को भरा जाएगा, इधर राहुल ने 30 लाख कहा तो बिहार से तेजस्वी ने एक करोड़ नौरियाँ देने का वादा कर दिया उधर सपा ने महिलाओं को नौकरियों में 33% फीसदी आरक्षण देने की बात कह दी. वहीं TMC ने हायर एजुकेशन के लिए हर छात्र को 10 लाख का क्रेडिट कार्ड देने की घोषणा की है. कांग्रेस कह रही कि महिलाओं 50% आरक्षण देंगे और सपा कह रही 33% फीसदी? अब जनता क्या समझे? किसकी माने?
स्वास्थ और बीमा
तो कांग्रेस ने कहा है कि लोगों को 25 लाख रुपए का कैशलेस बीमा दिया जाएगा, तो TMC अपने घोषणापत्र में सिर्फ 10 लाख का बीमा ही ऑफर कर रही है. लेकिन ऐसा नहीं है कि विपक्षी दलों के अलग-अलग मेनिफेस्टों में कोई सिमिलैरिटी नहीं हैं. सभी मिलकर CAA खत्म करने की बात कह रहे हैं, सभी ने NRC ना लागू होने देने की कसम खाई है, सभी ने ये भी कहा है कि UCC तो लागू होने ही नहीं देंगे और सभी ने देश में जाति आधारित जनगणना कराने की बात कही है. और जिन चीज़ों को विपक्ष ना लागू होने देने की सौगंध खा रहा है इन्ही को लागू करने की बात कहकर बीजेपी वोट मांग रही है.
CPI M का मेनिफेस्टो तो डरावना है
इंडि गठबंधन की एक पार्टी का मेनिफेस्टो बेहद डरावना है. और इन सभी पार्टियों से इतर भी है. इस पार्टी का नाम है CPI M यानी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया मार्क्सवादी। CPI ने अपने मेनिफेस्टो में जो घोषणाएं की हैं वो सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। CPI ने अपने मेनिफेस्टो में NSA यानी राष्ट्रीय सुरक्षा अधनियम को खत्म करने की बात कही है, ये तो कुछ नहीं CPI कहती है कि उनकी सरकार बनी तो QUAD और I2U2 जैसे इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशंस से भारत को निकाल लेगी जिनमे अमेरिका, इजराइल, UAE, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश हैं. इसके अलावा भारत के सभी परमाणु हथियारों को खत्म कर दिया जाएगा, मिलिट्री बेसों को समाप्त कर दिया जाएगा, धर्मांतरण विरोधी कानून खत्म कर दिए जाएंगे और कश्मीर में फिर से 370 लागू कर दिया जाएगा। अब समझ से परे बात ये है कि अगर इंडि दल कि सरकार बनी तो क्या इंडि दल में शामिल CPI के वादे पूरे होंगे? क्योंकि ये पार्टी भी विपक्ष के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है.
किस-किस के वादे पूरे होंगे?
ऐसे ही इंडि अलायंस बनने पर किस पार्टी के वादे पूरे होंगे? क्या ये पार्टियां अपनी-अपनी घोषणाओं को अपने-अपने राज्यों में लागू करेंगी? तेजस्वी यादव एक करोड़ लोगों को रोजगार देंगे और कांग्रेस अपने 30 लाख लोगों को? ममता बनर्जी हर साल 10 सिलेंडर फ्री देंगी और अखिलेश यादव 500 रुपए में गैस सिलेंडर बेचेंगे? राहुल गांधी वृद्ध महिलाओं को सालाना एक लाख रुपए देंगे और अखिलेश यादव गरीब बहनों को? बड़ा कन्फ्यूजन है भाई. और सबसे बड़ी बात तो यही है कि इंडि सरकार बनी तो पीएम कौन होगा? वैसे इस सवाल का जवाब हम आप से चाहते हैं, हमें कमेंट कर जरूर बताएं।