UMEED Portal: केंद्र सरकार 6 जून 2025 को ‘उम्मीद’ पोर्टल (UMEED Portal) लॉन्च करने जा रही है, जो देशभर में वक्फ संपत्तियों (WAQF Property Registration) के पंजीकरण और प्रबंधन के लिए एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा। इस पोर्टल का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन (WAQF Property Management) और पारदर्शिता को बढ़ावा देना है। ‘उम्मीद’ का पूरा नाम है (UMEED Portal Full Form)- यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, एम्पावरमेंट, एफिशिएंसी और डेवलपमेंट (Unified Waqf Management, Empowerment, Efficiency and Development)। यह एक केंद्रीकृत सिस्टम होगा, जिसके जरिए देशभर की वक्फ संपत्तियों को रजिस्टर किया जाएगा।
उम्मीद पोर्टल की खासियतें
What Is UMEED Portal: यह पोर्टल वक्फ कानून के तहत संपत्तियों के पंजीकरण को अनिवार्य बनाता है। सूत्रों के अनुसार, सरकार ने सभी वक्फ संपत्तियों को लॉन्च के छह महीने के भीतर इस पोर्टल पर रजिस्टर करना जरूरी कर दिया है। अगर कोई संपत्ति इस अवधि के बाद भी अनरजिस्टर्ड रहती है, तो उसे विवादित माना जाएगा और वक्फ ट्रिब्यूनल को भेजा जाएगा। पंजीकरण प्रक्रिया में पहचान के लिए चुनाव आयोग के डेटा का सहारा लिया जाएगा, जिससे प्रक्रिया को और मजबूत किया जा सके।
वक्फ संशोधन विधेयक
‘उम्मीद’ पोर्टल का लॉन्च हाल ही में पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 के संदर्भ में हो रहा है, जिसे 5 अप्रैल 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिली। इस विधेयक पर संसद के दोनों सदनों में गहन चर्चा हुई, जहां लोकसभा में 288 सदस्यों ने समर्थन किया और 232 ने विरोध। राज्यसभा में 128 सदस्यों ने पक्ष में और 95 ने खिलाफ वोट दिया। यह पोर्टल डिजिटल ट्रैकिंग और बेहतर नियमन के जरिए वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को आसान बनाएगा।
लाभार्थी और नियम
How To Register In UMEED Portal: पोर्टल के तहत पंजीकरण राज्य वक्फ बोर्डों के माध्यम से होगा। खास बात यह है कि महिलाओं के नाम पर रजिस्टर्ड संपत्तियों को वक्फ घोषित नहीं किया जा सकेगा। वक्फ संपत्तियों के प्राथमिक लाभार्थी महिलाएं, बच्चे और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग होंगे। सरकार का मानना है कि यह कदम वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकेगा और उनके प्रबंधन में जवाबदेही लाएगा।
कानूनी चुनौतियां और सरकार का रुख
वक्फ अधिनियम को लेकर कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं, जो इसकी संवैधानिकता को चुनौती दे रही हैं। केंद्र सरकार ने कोर्ट से इन याचिकाओं को खारिज करने की मांग की है, यह तर्क देते हुए कि यह कानून संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं करता। 17 अप्रैल 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के आश्वासन के बाद अधिनियम के कुछ प्रावधानों के कार्यान्वयन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इस पोर्टल के लॉन्च से सरकार वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रही है।