How to get Bharat Ratna: भारत रत्न यानी सरकार की तरफ से किसी नागरिक को मिलने वाला सर्वोच्च सम्मान। ये तो जाहिर है कि यह सम्मान किसी साधारण व्यक्ति को तो नहीं मिल सकता, सिर्फ उन्ही नागरिकों को भारत रत्न से नवाजा जाता है जिन्होंने अपनी फील्ड में महारत हासिल करते हुए अपने क्षेत्र और समाज में अहम योगदान दिया हो जिन्हे उनके कार्य के लिए हमेशा याद किया जाता रहना चाहिए।
हाल ही में केंद्र सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्य मंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का फैसला लिया है. उन्हें बिहार के जननायक का दर्जा प्राप्त है. उन्हें यह सम्मान मरणोपरांत, 26 जनवरी 2024 को दिया जाएगा।
अब सवाल ये उठता है कि मरणोपरांत भारत रत्न मिलने पर क्या होता है? क्योंकि जिस शख्स को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है उनकी तो सिर्फ यादें ही बाकी हैं. क्या मरणोपरांत भारत रत्न हासिल करने वाले नागरिक के परिवार को सरकार की तरफ से विशेष दर्जा, सुख सुविधाएं मिलती हैं, क्या उन्हें ढेर सारे पैसे मिलते हैं? ऐसे ही तमाम सवालों के जवाब हम आपको देंगे।
भारत रत्न कीन्हे मिलता है
भारत रत्न उन्ह व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने अपने क्षेत्र में अहम कार्य किए हों, जिससे समाज, देश और दुनिया में सकारात्क बदलाव आया हो, देश का मान अंतराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाया हो. एक साल में सिर्फ तीन लोगों को ही भारत रत्न से नवाजा जाता है.
भारत रत्न देने की परंपरा कब शुरू हुई?
भारत रत्न देने की शरूआत 2 जनवरी 1954 से शुरू हुई थी. इस परंपरा को देश के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद से शुरू किया किया था. देश में सबसे पहले भारत रत्न सी गोपालचारी, सर्वपल्ली राधाकृष्णन और सीवी रमन को दिया गया था. उस वक़्त यह सम्मान सिर्फ जीवित व्यक्तियों को दिया जाता था.
साल 1955 में भारत रत्न देने के नियमों में बदलाव हुआ. इसमें मरणोपरांत भी भारत रत्न से सम्मानित करने का प्रावधान जोड़ा गया. भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री पहले व्यक्ति थे जिन्हे 1966 में मरणोपरांत भारत रत्न दिया गया. अबतक 16 शख्सियत को मरणोपरांत भारत रत्न दिया गया है. कर्पूरी ठाकुर ये अवार्ड पाने वाले 17वें शख्स हैं.
भारत रत्न पाने वाले व्यक्ति को क्या सुविधाएं मिलती हैं
भारत सरकार भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति या उसके परिवार को एक प्रमाणपत्र और पदक देती है. इस सम्मान के साथ कोई भी धनराशि नहीं दी जाती। हालांकि सम्मानित व्यक्तियों को सरकारी विभाग की तरह कई सुविधाएं मिलती हैं. भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति अगर किसी राज्य में जाते हैं तो वहां की सरकार उन्हें रहने-ठहरने की सुविधा देती है. उन्हें घूमने-फिरने के लिए पर्सनल ड्राइवर और कार मिलती है. हालांकि भारत रत्न प्राप्तकर्ता के परिवार को क्या सुख-सुविधाएं मिलनी चाहिए इसके लिए कोई लिखित आदेश नहीं है, न सुविधाओं का कोई मानक है लेकिन राज्य सरकार अपने स्तर पर सम्मानित व्यक्ति और उनके परिवारजनों का मान-सम्मान करती है.
वैसे संविधान के अनुच्छेद 18 (1) के अनुसार भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति आपने नाम के आगे या पीछे भारत रत्न का इस्तेमाल नहीं कर सकता। लेकिन वो अपने बायोडाटा, विजिटिंग कार्ड और लेटरहेड आदि में नाम के आगे भारतरत्न प्राप्तकर्ता जोड़ सकता है. वहीं मरणोपरांत सम्मानित व्यक्ति के नाम के आगे भारत रत्न जोड़ा जाता है.