कुछ लोग एक्सरसाइज नहीं कर पाते या नहीं कर सकते, ऐसे में उनके फिटनेस गुरु उन्हें वॉक करने की सलाह देते हैं। यानि टहलनें की. टहलनें का ये मतलब नहीं आप बस ठहलें
फिट फाट रहने के लिए एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है. लेकिन कुछ लोग किसी कारण बस एक्सरसाइज नहीं कर पाते। तो उन लोगों को पैदल चलने की सलाह दी जाती है. अब पैदल चलने का ये मतलब नहीं की बस ठहलें। चलना यानि की तेज-तेज चलना। जिसको ब्रिस्क वाकिंग कहते हैं. तभी उसका कुछ फायदा होगा। अगर आप चाहते हैं कि हम फिट-फाट रहें और चल सुस्ती में रहें हैं. तो बेकार जा रहा है आपका चलना।
ये तो हुई चलने की बात, जो एक्सरसाइज नहीं कर सकते हैं। अब बात करते है रनिंग पर. यानि दौड़ना। ये भी फीट रहने और वजन घटाने का शानदार तरीका है. पर इन दोनों में ज्यादा फायदेमंद कौन सा है? फिट रहने के लिए कब आपको दौड़ना चाहिए और कब टहलना चाहिए, आइये जानते हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
- हर व्यक्ति पर उम्र के अनुसार चलने और दौड़ने का अलग असर होता है
- एक सामान व्यक्ति जो फिट रहना चाहता है, अगर दौड़ सकता है तो दौड़ना ज्यादा अच्छा होगा, क्योंकि इस व्यक्ति की हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत हैं.
- आप देर तक चल सकते हैं, लेकिन दौड़ केवल कुछ ही समय के लिए होती है. जिस व्यक्ति ने ट्रेनिंग की है वही देर तक दौड़ सकता है.
- चलने से शरीर में एनर्जी महसूस होती है, और दौड़ने से एनर्जी कम और थकान ज्यादा महसूस होती है. इसकी वजह है प्रैक्टिस और शरीर की क्षमता।
कितना समय तक दौड़ना और चलना चाहिए?
- लगातर नियमित चलने या दौड़ने के कई सारे फायदे हैं.
- इससे दिल की बीमारी नहीं होती, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ की बीमारी नहीं होती।
- अगर पहले से डायबिटीज और ब्लड प्रेशर हो गया है तो चलने या दौड़ने से कंट्रोल में रहेगा।
- इससे मेंटल हेल्थ भी अच्छी रहती है. दौड़ने या चलने से अल्जाइमर यानी भूलने की बीमारी का खतरा भी कम हो जाता है.
- दौड़ने और चलने के दौरान कई चीजों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे, अच्छी क्वालिटी के जूते पहने, सीमेंट वाली जगह पर दौड़ने और चलने से बचें। इससे घुटनों और मांसपेशियों को नुकसान होता है.
- 10 मिनट से ज्यादा चलने और दौड़ने से बॉडी पर बढ़िया असर होता है.
- किसी भी तरह की एक्सरसाइज करने से पहले वॉर्मउप जरूर करें।
- चलने के समय एक बात ध्यान रखे-चलने की स्पीड अच्छी हो और किसी से बात ना करे.
- अगर बातें हो रही है तो इसका मतलब है चलने की स्पीड काम है और इससे बॉडी को फायदा नहीं होगा