Flat House Buying: हर किसी का सपना होता है अपने घर का ऐसे में अगर आप खुद का फ्लैट खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो जल्दी करें. अगले साल प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ सकती है. यह बात हम नहीं कह रहे हैं बल्कि एक सर्वे में सामने आई है. रियल एस्टेट डेवलपर्स का मानना है कि साल 2026 में घरों की कीमतें बढ़ेंगी. सर्वे के अनुसार, करीब 70 फीसदी डेवलपर्स को लगता है कि अगले साल घरों की कीमतें 5 फीसदी से ज्यादा बढ़ेंगी.
क्यों ऐसा होगा
गौरतलब है कि, यह उम्मीद लोगों की लगातार मांग के कारण है. यह सर्वे रियल एस्टेट इंडस्ट्री बॉडी क्रेडाई ( CREDAI ) और प्रॉपर्टी डेटा एनालिटिक्स फर्म CRE Matrix ने किया है. यह सर्वे नवंबर और दिसंबर में हुआ था. इसमें 647 डेवलपर्स ने हिस्सा लिया. यह सर्वे रिपोर्ट 19-20 दिसंबर को नई दिल्ली में हुए क्रेडाई के एक कार्यक्रम में जारी की गई थी.
कितनी बढ़ सकती है कीमत?
68% डेवलपर्स ने कहा कि उन्हें लगता है कि साल 2026 में घरों की कीमतें 5 फीसदी से ज्यादा बढ़ेंगी. तो वहीं 46% डेवलपर्स का मानना है कि कीमतें 5 से 10 फीसदी के बीच बढ़ेंगी. 25% डेवलपर्स को लगता है कि कीमतों में 5 फीसदी से कम बढ़ोतरी होगी. 18% डेवलपर्स को लगता है कि कीमतें 10 से 15 फीसदी तक बढ़ सकती हैं. 3% डेवलपर्स ने तो 15 से 25 फीसदी तक की बड़ी बढ़ोतरी का अनुमान लगाया है. 1% डेवलपर्स ऐसे भी हैं जिन्हे लगता है कि कीमतें 25℅ से भी ज्यादा बढ़ सकती हैं. महत्वपूर्ण यह है कि, कुछ डेवलपर्स के अनुसार अगले साल मकान की कीमतों में गिरावट आ सकती है.
डिमांड में आएगी तेजी
कीमतों के अलावा सर्वे में साल 2026 में आवासीय (घर) सेगमेंट के लिए एक अच्छी उम्मीद दिखाई गई है. करीब दो-तिहाई डेवलपर्स का कहना है कि उन्हें लगता है कि अगले साल मकानों की मांग 5 फीसदी से ज्यादा बढ़ेगी. यह दिखाता है कि लोग खुद के रहने के लिए मकान खरीद रहे हैं, न कि सिर्फ मुनाफा कमाने के लिए.
मांग पर आधारित ग्रोथ
क्रेडाई के प्रेसिडेंट शेखर जी बताते हैं कि यह सर्वे दिखाता है कि हाउसिंग मार्केट में ग्रोथ असली मांग पर आधारित है. उन्होंने कहा कि यह सेक्टर नए सप्लाई को लेकर एक सोची-समझी रणनीति अपना रहा है. टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके लागत कम करने पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है. साथ ही, खरीदारों की बदलती पसंद के हिसाब से प्रोडक्ट बनाने की कोशिश की जा रही है.
उन्होंने यह भी कहा कि प्रोजेक्ट्स को जल्दी मंजूरी मिलना और नियमों का साफ होना इस रफ्तार को बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है. पटेल ने कहा कि अगर मंजूरी की प्रक्रिया आसान हो जाती है, तो इससे नए घरों की सप्लाई बढ़ेगी. प्रोजेक्ट समय पर पूरे होंगे और शहरों का विकास भी संतुलित और टिकाऊ होगा.
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