Hindi Love Story Pyaar Ka Imtehaan: क्या आपने कभी “प्यार का इम्तहान” दिया है ? ख़ैर वो तो आप मुझे बाद में बता दीजिएगा ,लेकिन मैं आपको बता दूं कि मैने दिया है पर कैसे ! तो इसके लिए आपको मेरी पूरी कहानी सुननी पड़ेगी ,दरअसल हुआ यूं कि मुझे अपने कॉलेज में नई-नई आईं शिल्पा मैम से जाने कब लेकिन प्यार हो गया और मेरे दिल का हाल ये था कि मै उनसे मिलने के बहाने ढूंढता था उनका कोई लेक्चर मिस नहीं करता था पर अब क्या करता कॉलेज खत्म हो रहा था और बहाने भी,
तो मैने दिल में ठान लिया कि आज तो अपनी मोहब्बत का इज़हार कर ही दूंगा सो मैने अपनी नोटबुक के साथ अपना लव लेटर छुपा के उन्हें दे दिया और कहा मैम प्लीज़ ज़रा चेक कर लीजिएगा , वो ले भी गई और मुझे उम्मीद थी कि वो मुझे हां में ही जवाब देंगी क्योंकि मैं उन्हें बातों ही बातों में पहले बता चुका था कि मै अच्छे खानदान का हूं ,हमारा बिज़नेस भी काफी बड़ा है और मैं उसका इकलौता वारिस हूं और फिर मैं देखने सुनने में भी शायद अच्छा ही था!
बस थोड़ा उम्र में ही उनसे छोटा हूं तो क्या हुआ !यही सब सोचते किसी तरह रात बीती और अगले दिन मै बड़ा टिप टॉप होकर कॉलेज पहुंचा हालांकि ये कॉलेज का हमारा आखिरी दिन था, सब प्रोफेसर्स के साथ शिल्पा मैम भी आईं और मुझे मेरी नोट बुक भी वापस कर दी कोई नाराज़गी भी नहीं जताई और मै थोड़ा सा खुश होकर उनका जवाबी लेटर ढूंढने और पढ़ने के लिए उतावला होकर एकांत की तलाश में सबसे दूर हो गया ,नोटबुक खोली तो उसमें उनका लेटर भी मिल गया, जिसमें लिखा था ,”सुशांत तुम बहोत प्यारे हो और तुम मुझे पसंद करते हो ये जानकार मुझे बहोत अच्छा भी लगा पर ये मेरे लिए सिर्फ तुम्हारा आकर्षण है ,इसे प्यार न समझो ,मै तुमसे बड़ी हूं मेरे पास तुमसे ज़्यादा अनुभव है इसलिए ही सही , मेरी बात मान लो ।”
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ये पढ़कर मुझे बहोत ग़ुस्सा आया पर मैंने हार नहीं मानी और कैंपस में लौटा जहां हमारी पार्टी चल रही थी और शिल्पा मैम के पास जा कर कहा ,”आपको मै छोटा लगता हूं इसलिए आप मेरा प्यार क़ुबूल नहीं कर रही हैं न ,पर मैं आपका ख्याल रख सकता हूं यक़ीन न हो तो मुझे आज़मा कर देख लीजिएगा “,वो चुप चाप सुनती रहीं और मै वहां से चला आया, इसके बाद मै उनके फोन का इंतज़ार करता रहा ,कई दिन महीने फिर एक साल बीत गया लेकिन हमारी न बात हुई न मुलाक़ात ,मै भी अपना बिज़नेस संभालने लग गया ,फिर एक रात उनका फोन आया और उन्होंने मुझसे कहा ,”शांतनु आज रात को 2 बजे तुम्हें मेरे घर को छुप कर बाहर से देखना है ,देखोगे न “मैने धीरे से कहा हां और बस उन्होंने फोन काट दिया, मै बड़ी कश्मकश में था कि क्या करूं जाऊं के न जाऊं क्योंकि उन्होंने टाइम ही ऐसा दिया था रात को दो बजे! वो भी छुप के उनके घर को देखना है ! पर फिर भी मैने ख़ुद को समझाया कि मुझे जाना ही है, हो सकता है, उन्हें मेरी ज़रूरत हो!
क्योंकि वो मुझे थोड़ी परेशान लग रही थी इस लिए मैने कुछ लोगों को पहले ही उनके घर के आस पास तैनात कर दिया ,अभी एक घंटे का टाइम था मेरे पास इसलिए मैने अपने लोगों को अलर्ट रहने सिचुएशन को भांपने को कहा फिर बाद में उन्हीं के साथ खुद भी ऐसी जगह जा कर छुप गया जहां से शिल्पा जी का घर साफ दिख रहा था ,मुझे रात के सन्नाटे में कुछ भी अलग नहीं लग रहा था, उनका घर भी चारों तरफ से हमने घेर रखा था पर कहीं कुछ अजीब नहीं था घड़ी देखी तो अभी 2 बजने में पांच मिनट बाक़ी थे के इतने में ही शिल्पा जी के घर की लाइट जली वो लाइट के जस्ट सामने थी और खिड़की के पर्दे में हल्की परछाईं उनकी ही समझ में आ रही थी शायद वो सीढ़ियों से नीचे आ रहीं थीं क्योंकि धीरे धीरे लाइटें जलती दिख रहीं थीं मेरी नज़रें उनके घर पर टिकी थीं और मै इस इंतज़ार में था कि शायद वो मुझे फोन लगाकर पूछे कि मैं आया कि नहीं !कि इतने में एक गाड़ी आकर उनके दरवाज़े में खड़ी हुई ,
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मैने सबको चौकन्ना कर दिया ,उसमें से एक नकाब पोश आदमी निकला और शायद उसने शिल्पा जी को फोन लगाया क्योंकि अगले ही पर शिल्पा जी ने अपने घर का दरवाज़ा खोला उनके एक हांथ में फोन था और दूसरे में सूटकेस ,मुझे शक हो गया कि कोई बड़ी बात है पर मैं कुछ और समझ पाता कि वो नकाबपोश आदमी पीछे मुड़ा और शायद गाड़ी में बैठे लोगों को आने का इशारा किया और वो एक छोटी बच्ची को आंख में पट्टी बांधे और पीठ पे चाकू लगाए आगे लेकर आए ये देखकर शिल्पा जी बेतहाशा उस बच्ची की तरफ दौड़ी और सूटकेस वहीं फेक दिया लेकिन वो लोग उस बच्ची को नहीं छोड़ रहे थे ,शायद सूटकेस में पैसे थे और वो उसे उठाकर गिन रहे थे ,मैने शिल्पा जी की तरफ इस चांदनी रात में ग़ौर से देखा तो उनकी आंसुओं से भरी आँखें बिना आवाज़ के रो रहीं थीं ,
अब ज़्यादा कुछ मेरे समझने को बाक़ी नहीं रहा इसलिए मैने अपने लोगों को इशारा किया कि पहले बच्ची को बचाओ ,बस फिर क्या था जैसे ही वो लोग पैसा उठा कर भागने लगे ,पूरी मुस्तैदी के साथ मेरे साथी बढ़े और उनपर बंदूक तान दी ,मैने बच्ची को अपनी ओर खींच लिया और मेरे बंदों ने उनकी गाड़ी पर कब्ज़ा करते हुए उन्हें उनकी ही गाड़ी में क़ैद कर कर लिया, फिर क्या था वो बंदूक की नोक पर उन्हें पहुंचाने चल दिए पुलिस स्टेशन और शिल्पा जी आ गई मेरी बाहों में ,उनके आसूं पोछते हुए मैने पूछा शिल्पा जी क्या मै बड़ा हो गया हूं ? उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा हां ,अब तुम मुझे शिल्पा बुलाओ ,शिल्पा जी नहीं।
ये था “मेरे प्यार का इम्तहान”ख़ैर मै आपको बता दूँ कि शिल्पा अब मेरी पत्नी है और ये छोटी बच्ची मेरी इकलौती साली, शिल्पा का इस बहन के अलावा कोई नहीं था और इसे भी ,वो किडनैपर्स शिल्पा की ज़िंदगी भर की कमाई छीनने के लिए उठा कर ले गए थे ,पर मै दिल ही दिल में उनका एहसान मंद हूं क्योंकि अगर वो ऐसा नहीं करते तो मै शिल्पा को हमेशा छोटा ही लगता रहता और आज हमारी शादी न हुई होती।