पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान की सज़ा पर इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. इससे पहले उन्हें रिहा किया जाता, उन्हें सीक्रेट लेटर चोरी केस में हिरासत में ले लिया गया
पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान को तोशाखाना मामले में हुई 3 साल की सज़ा पर इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने Imran Khan को जमानत पर रिहा करने का फैसला सुनाया है मगर इससे पहले इमरान खान जेल से बाहर आते, उन्हें सीक्रेट लेटर चोरी केस (साइफर गेट स्कैंडल) में हिरासत में ले लिया गया.
पूर्व कानून मंत्री और सरकारी वकील अता तराड़ ने जियो न्यूज़ से कहा कि- इमरान खान की सजा ससपेंड हो गई है, उन्हें कोर्ट ने बेल दी है, लेकिन वो रिहा नहीं हो सकते, इसकी वजह ये है कि साइफर चोरी के मामले में अदालत ने जांच एजेंसियों को 14 दिन का फिजिकल रिमांड दिया है.
इमरान के वकील बाबर अवान ने कहा- कोर्ट के फैसले के साथ खान फिर से पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के चेयरमैन बन गए हैं. खान को 5 अगस्त को 3 साल के लिए तोशाखाना मामले में सजा सुनाई गई थी. वो इस वक़्त अटक जेल में हैं.
इमरान खान के वकील ने कोर्ट ने अपील की है कि उन्हें जेल से बाहर आने के बाद दूसरे मामले में गिरफ्तार ना किया जाए. खान के खिलाफ कई केस दर्ज हैं जिनमे से दो ऐसे केस हैं जिनके तहत जांच एजेंसियां उन्हें कभी भी गिरफ्तार कर सकती हैं. फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (FIA) और नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) की टीमें उनका इंतजार कर रही हैं।
हाईकोर्ट ने भले ही इमरान खान की सजा को ससपेंड कर दिया है मगर इससे उनकी मुसीबतें खत्म नहीं होने वाली हैं. FIA को सीक्रेट लेटर चोरी (साइफर गेट स्कैंडल) और NAB को 9 मई को हुई हिंसा मामले में खान से पूछताछ करनी है। खास बात ये है कि NAB खान को 90 दिन तक पूछताछ के लिए अपनी हिरासत में रख सकती है। इस दौरान उन्हें सुप्रीम कोर्ट समेत कोई अदालत जमानत भी नहीं दे सकेगी। राहत सिर्फ ये रहेगी कि खान को जेल के बजाय जांच एजेंसी के हेडक्वार्टर के कमरे में रखा जाएगा।