Hemant Soren in Bihar Politics : बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे गठबंधन में बात बनने के बजाय नए रोड़े आ जा रहें है। पटना में चार बैठकों के बाद इंडिया गठबंधन टूटने की देहलीज पर खड़ा हो गया है, कोई भी दल सीटों के बंटवारे में एकमत नहीं हो पाए है। आईएनडीआईए (INDIA Alliance) ने पटना में हुई दूसरी बैठक में जब से ये एलान किया है कि बिहार चुनाव -2025 राजद प्रमुख तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ेंगे और सीटों का बंटवारा भी तेजस्वी के सीट शेयरिंग वाले फॉर्मूले पर होगा, तब से महागठबंधन के सहयोगी दल लोकजनशक्ति अलग-थलग घूमते दिख रहें है। झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी बिहार चुनाव में अकेले एंट्री करने की घोषणा कर दी है।
बिहार चुनाव में Hemant Soren की एंट्री
शुक्रवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने भी बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी अटेंडेंस लगा दी है। हेमंत सोरेन ने एलान किया है कि बिहार में उनकी पार्टी अब अकेले चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कि झामुमो बिहार की 12 विधानसभा सीटों पर नजर बनाए हुए है। इन्हीं 12 विधानसभा सीटों पर झामुमो चुनाव लड़ सकती है। झामुमो ने आदिवासी क्षेत्रों में अपनी कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से मतदाताओं को आकर्षित करने की योजना भी बना डाली है। हेमंत सोरेन के इस एलान के बाद INDIA गठबंधन में हड़कंप मच गया। अब इससे ये तो साफ हो गया कि झामुमो बिहार में अपनी पार्टी के लिए राजनीतिक पृष्ठभूमि तैयार कर रही है।
Hemant Soren ने क्यों छोड़ा INDIA का साथ | Bihar Politics
दरअसल, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के अध्यक्ष हेमंत सोरेन की पार्टी भी बिहार में INDIA गठबंधन का हिस्सा है। लेकिन बिहार चुनाव को लेकर गठबंधन ने जितनी भी बैठके की है, उनमें हेमंत सोरेन को नहीं बुलाया गया। बिहार में गठबंधन के नेताओं द्वारा उनकी अनदेखी किये जाने से हेमंत सोरेन तेजस्वी यादव और राहुल गाँधी से नाराज हो गए है। इंडिया गठबंधन की चारो ही बैठक में हेमंत सोरेन को आमंत्रित नहीं किया गया। जिससे उनकी नाराजगी स्वाभाविक भी है। अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए ही उन्होंने बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का मन बना लिया है।
आदिवासी क्षेत्रों वाली 12 सीटों पर रहेगी झामुमो की नजर
JMM प्रमुख हेमंत सोरेन ने बिहार विधानसभा की 12 सीटों पर खास नजर बना कर रखी है। वो इन 12 सीटों पर अपने विजयी होने वाले उम्मीदवारों को उतारेंगे। इसकी जानकारी झामुमो के महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने दी। बिहार में गठबंधन की बैठकों से न्योता न मिलने पर पार्टी के महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कहा, “हमारी अपनी तैयारी है। हम अपने दम पर चुनाव लड़ने को तैयार हैं। 12 सीटों पर नजर रहेगी। आदिवासी और सीमावर्ती क्षेत्रों पर फोकस रहेगा। झामुमो ने बिहार में झारखंड से सटी 12 विधानसभा सीटों को चिह्नित किया है, जहां उसका प्रभाव है। इन इलाकों में आदिवासी समुदायों की अच्छी-खासी आबादी है। पार्टी का मानना है कि इन क्षेत्रों में उसकी आदिवासी हितों की नीतियां और झारखंड में किए गए कार्य मतदाताओं को आकर्षित कर सकते हैं।”
क्या टूट जाएगा इंडिया गठबंधन?| Hemant Soren in bihar election
बता दे कि बिहार में इंडिया गठबंधन मजबूत नहीं है। गठबंधन की दीवारों में दरारे आने लगी है। आईएनडीआईए (गठबंधन) में राजद, कांग्रेस और वाम दल पहले से ही सीट बंटवारे को लेकर एकमत नहीं हो पा रहें और अब झामुमो ने भी अलटीमेटम दे दिया। अगर गठबंधन टूट जाएगा तो सभी सहयोगी दल अलग-थलग होकर चुनाव लड़ेंगे और एक-दूसरे की सीटें एनडीए के पाले में गिरा सकते है। इंडिया गठबंधन के दलों की इस लड़ाई में भाजपा सयानी बिल्ली बन जाएगी और न जीतने वाली सीटें भी हड़प लेगी।
फिलहाल, बिहार विधानसभा चुनाव की तारीख अभी घोषित नहीं हुई है। लेकिन अब ज्यादा समय भी नहीं बचा। बिहार में सभी दल अपनी तैयारियो में व्यस्त है। भविष्य ही ये तय करेगा कि बिहार में सरकार किसकी बनेगी? नीतीश कुमार ही चुनाव की जीत का सेहरा पहनेंगे या इस बार ताजपोषी राजद वाले पाले में होगी।
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