Jharkhand Elections : झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। बीजेपी को झटका देते हुए कई नेता झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) में शामिल हो गए हैं। JMM ने रातों-रात ‘ऑपरेशन हेमंत’ चलाकर बीजेपी के कई बड़े नेताओं को अपनी तरफ खींच लिया है। इस ऑपरेशन में JMM ने बीजेपी के बड़े ‘ब्रह्मास्त्र’ लुइस मरांडी को भी अपने पाले में कर लिया है, जिन्हें बीजेपी हेमंत सोरेन के खिलाफ बरेहट सीट पर इस्तेमाल करना चाहती थी। लुइस मरांडी दुमका सीट से चुनाव लड़ना चाहती थीं, लेकिन बीजेपी ने उन्हें हेमंत सोरेन के खिलाफ बरेहट से चुनाव लड़ने को कहा था।
कौन से बीजेपी नेता JMM में शामिल हुए? Jharkhand Elections
JMM में शामिल होने वाले अन्य नेताओं में सरायकेला से बीजेपी के पूर्व उम्मीदवार गणेश महाली, बहरागोड़ा से पूर्व उम्मीदवार कुणाल षाड़ंगी, बास्को बेहरा, बारी मुर्मू और लक्ष्मण टुडू शामिल हैं। सारठ के पूर्व विधायक चुन्ना सिंह के भी JMM में शामिल होने की खबर है, जो टिकट न मिलने से नाराज बताए जा रहे हैं।
हेमंत दोबारा के नारों के साथ झामुमो मैदान में। Jharkhand Elections
सूत्रों की मानें तो भाजपा नेताओं को झामुमो में शामिल कराने के इस पूरे अभियान को ‘ऑपरेशन हेमंत’ नाम दिया गया है। झामुमो इस चुनाव में ‘हेमंत दोबारा’ के नारे के साथ मैदान में है। पार्टी पूरे चुनाव में मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल करने की कोशिश में है। मसलन, हेमंत सोरेन ने कोल्हान में चंपई सोरेन के खिलाफ गणेश महाली और बास्को बेरा को उतारा है। कुणाल षाड़ंगी और बारी मुर्मू भी कोल्हान से ही हैं। बारी जमशेदपुर जिला परिषद की अध्यक्ष हैं। इसी तरह सीता सोरेन के जाने से संथाल में महिला नेता की कमी को लुईस मरांडी के जरिए पूरा करने की कोशिश की गई है।
हेमंत सोरेन बरेहाट और कल्पना मुर्मू गांडेय से चुनाव लड़ सकती हैं।
हेमंत सोरेन ने अभी तक प्रत्याशियों के नामों की घोषणा नहीं की है, लेकिन झामुमो के कई प्रत्याशियों ने नामांकन भी दाखिल करना शुरू कर दिया है। कहा जा रहा है कि हेमंत सोरेन ने उन सभी को सिंबल दे दिया है, जिन्हें वह चुनाव लड़ाना चाहते हैं। झामुमो सूत्रों के मुताबिक, अब तक 41 नाम फाइनल हो चुके हैं। इनमें खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नाम बरेहट से और उनकी पत्नी कल्पना मुर्मू का गांडेय से शामिल है।
लुईस मरांडी ने दुमका से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को हराया था।
24 साल से राजनीति में सक्रिय लुईस मरांडी 2014 में तब चर्चा में आई थीं, जब उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उनकी परंपरागत सीट दुमका में हराया था। पहली बार लुईस की वजह से ही भाजपा दुमका में जीत दर्ज करने में सफल रही थी। रघुबर दास की सरकार में लुईस मरांडी को मंत्री बनाया गया था। इस बार भी भाजपा उन्हें बरेहट से चुनाव लड़ाकर 2014 जैसा ही खेल खेलना चाहती थी, लेकिन हेमंत ने पहले ही चाल चल दी। विधानसभा चुनाव से पहले ही झारखंड में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। आने वाले दिनों में कई और उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। संभव है कि झामुमो के कुछ नेता भी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो जाएं।