उत्तर प्रदेश के हाथरस में धार्मिक आयोजन में मची भगदड़ में मरने वालों की संख्या 121 (Hathras stampede death toll rise to 121) पहुंच गई है. इसे लेकर कई नई अपडेट आ रहे हैं. यह आयोजन स्वयंभू बाबा नारायण साकार हरि का था. उन्हें ‘भोले बाबा’ के नाम से भी जाना जाता है. उनका असली नाम सूरज पाल जाटव बताया जाता है. ‘भोले बाबा’ इसी नाम से बाबा का कार्यक्रम या सत्संग आयोजित होता है. उनका यह आयोजन जिससे भगदड़ मची वह हाथरस के फुलेराई गांव में हुआ था. अब बाबा नारायण साकार हरि के बारे में नई जानकारी सामने आ रही है. आयोजन को लेकर दर्ज एफआईआर में बाबा का नाम नहीं है (FIR registered in Hathras stampede case does not name Narayan Sakar Hari). अब खबर आई है कि बाबा ने अपनी सुरक्षा के लिए महिला और पुरुष गार्ड रखे थे. इन गार्डों को नारायणी सेना नाम दिया गया था. ये लोग आश्रम से लेकर प्रवचन स्थल तक बाबा की सेवा करते थे.
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इस बीच यूपी पुलिस ने बताया है कि नारायण साकार हरि उर्फ ’भोले बाबा’ अभी भी फरार है। मामले में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य सेवादारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। हाथरस पुलिस ने सिकंदराराऊ थाने में यह एफआईआर दर्ज की है। अधिकारी ने बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा) और 238 (सबूतों को नष्ट करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस बीच फुलराई गांव में कार्यक्रम स्थल का एक वीडियो सामने आया है। बताया गया है कि सत्संग के लिए वीवीआईपी इंतजाम किए गए थे। सत्संग स्थल पर बाबा के लिए बनाए गए मंच की फुटेज दिखाई गई है।
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इस बीच कार्यक्रम में अनियमितताओं की खबरें आ रही हैं। बताया गया कि सत्संग के लिए 80 हजार लोगों की अनुमति मांगी गई थी, लेकिन करीब ढाई लाख लोग जुटे थे। करीब 50 से 60 बीघा खेत में पंडाल लगाया गया था। सत्संग खत्म होने के बाद लोग अचानक बाहर निकले, लेकिन बाहर निकलने का गेट बहुत संकरा था और रास्ते में नाला था। इससे भगदड़ मच गई। लोग एक के ऊपर एक नाले में गिर गए। इस वजह से लोग डेढ़ से दो घंटे तक दबे रहे।