Ghevar : A Traditional Sweet Delight from Rajasthan for Teej & Raksha Bandhan – राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत जितनी रंगीन और विविधतापूर्ण है, उतनी ही समृद्ध है इसकी पारंपरिक रसोई। इन्हीं में से एक अनोखी और अत्यंत प्रिय मिठाई है – घेवर। खासतौर पर तीज, रक्षाबंधन और श्रावण महीने में इसका चलन सबसे ज़्यादा होता है। घेवर न सिर्फ स्वाद में अद्भुत होता है बल्कि इसका शहद की छत्ता जैसी बनावट, कुरकुरी परतें और शुद्ध देसी घी की महक इसे अन्य मिठाइयों से अलग बनाती है। यह मिठाई जयपुर, उदयपुर, बीकानेर और जोधपुर सहित पूरे राजस्थान में लोकप्रिय है और आज उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में भी इसका स्वाद चखा जा रहा है। घेवर केवल एक मिठाई नहीं, बल्कि परंपरा, सौहार्द और स्त्री उत्सवों से जुड़ी एक विशेष मिठास है, जिसे घर की बेटियों को तीज पर भेंट में भी दिया जाता है।
घेवर बनाने की पारंपरिक रेसिपी – Traditional Ghevar Recipe
पारंपरिक राजस्थानी घेवर बनाने की आवश्यक सामग्री – Ingredients
- मैदा – 2 कप
- देसी घी – ½ कप (पिघला हुआ)
- ठंडा दूध – ½ कप
- बर्फ के टुकड़े – 4-5
- ठंडा पानी – 2½ कप (या आवश्यकता अनुसार)
- नींबू का रस – ½ चम्मच
- घी/तेल – तलने के लिए
- चाशनी के लिए चीनी – 1 कपपानी – ½ कपकेसर और इलायची – स्वादानुसार
- सजावट के लिए:मावा – ½ कपकेसर – 2-3 धागेचांदी का वर्क, पिस्ता-बादाम (कतरन) राजस्थानी
- घेवर बनाने की विधि
Step-by-Step Preparation
बैटर तैयार करें – पिघले घी को एक बड़े बर्तन में डालें।उसमें बर्फ के टुकड़े डालें और हाथ से फेंटते रहें जब तक घी क्रीमी न हो जाए। अब दूध और नींबू रस डालें, फिर थोड़ा-थोड़ा मैदा डालकर मिलाएं। अंत में ठंडा पानी डालकर बैटर को पतला करें। यह एकदम लिक्विड कंसिस्टेंसी का होना चाहिए।
तलने की तैयारी – एक भारी तले वाले गहरे पतीले में घी या तेल गरम करें। बैटर को एक कलछी से ऊँचाई से गिराते हुए बीच में डालें। बुलबुले बनेंगे और घेवर की जालीदार परत तैयार होगी। आवश्यकतानुसार 3-4 बार बैटर डालते रहें जब तक अच्छी मोटाई न आ जाए। धीमी आंच पर कुरकुरा होने तक तलें और फिर सावधानी से बाहर निकालें।
चाशनी बनाएं – चीनी और पानी को मध्यम आंच पर पकाएं जब तक एक तार की चाशनी तैयार हो जाए।उसमें केसर और इलायची डालें।
घेवर में चाशनी डालें और सजाएं – तले हुए घेवर को हल्का ठंडा होने दें और ऊपर से चाशनी डालें। मावा, पिस्ता-बादाम और चांदी के वर्क से सजाएं।
परंपरा में घेवर का महत्व – Cultural Significance
- तीज और रक्षाबंधन पर घेवर का विशेष स्थान है। राजस्थानी घरों में बेटी को मायके से घेवर भेजा जाना एक पारंपरिक रस्म मानी जाती है।
- जयपुर के प्रसिद्ध हलवाई दुकानों पर सावन में घेवर की विशेष मांग रहती है।
- यह मिठाई बहनों के स्नेह, सौंदर्य और सादगी की तरह मधुर मानी जाती है।
- Tips for Perfect Ghevar
- बैटर जितना ठंडा होगा, घेवर उतना अच्छा बनेगा।
- घी अच्छी तरह से गरम होना चाहिए, लेकिन धुआं न उठे।
- घेवर को तलने के लिए गहरा और भारी बर्तन चुनें।