मात्र 27% वोटिंग हुई. हिंसा के बीच हुई वोटिंग। नतीजे 8 जनवरी को सामने आएंगे। विपक्षी दलों ने चुनाव का बहिष्कार किया है.
बांग्लादेश में 7 अक्टूबर को 12वें राष्ट्रीय चुनाव में हिंसक माहौल के बीच मतदान समाप्त हुआ. इसके बाद अधिकारियों मतपत्रों का मिलान शुरू कर दिया है. 42,024 मतदान केंद्रों पर सुबह 8 बजे मतदान शुरू हुआ और शाम 4 बजे तक जारी रहा.
बता दें कि बांग्लादेश की 299 संसदीय सीटों पर चुनाव हुआ है, जबकि एक सीट पर कैंडिडेट के निधन के बाद चुनाव को स्थगित कर दिया गया था. हालांकि वोटिंग केंद्रों पर लोग अभी भी अपने मताधिकार का प्रयोग करने का इंतजार कर रहे हैं.
बांग्लादेश चुनाव आयोग ने कहा है कि पहले सात घंटों में सुबह 8 बजे से दोपहर 3 तक 27% वोट डाले गए. को काफी कम है. जिसका मतलब साफ है कि विपक्ष द्वारा वोटिंग के बहिष्कार करने की मांग को काफी लोगों का समर्थन मिला है.
विपक्ष ने किया चुनाव का बहिष्कार
बांग्लादेश चुनाव आयोग के अधिकारी जहांगीर आलम ने एक ब्रीफिंग के दौरान कहा कि मतदान बंद होने से एक घंटे पहले स्थानीय समयानुसार दोपहर 3 बजे तक मतदान लगभग 27.15% था. हालांकि स्वतंत्र चुनाव पर्यवेक्षक और नागरिक समाज कार्यकर्ता बदुल आलम मजूमदार का कहना है कि उन्हें चुनाव आयोग अधिकारी आलम के दावे पर संदेह है.
मजूमदार ने कहा कि उनका संगठन शुजोन इस साल आधिकारिक तौर पर चुनाव नहीं देख रहा है, वे इसे बिल्कुल भी उचित नहीं मानते हैं. उन्होंने कहा कि हम निश्चित रूप से चुनाव की निगरानी कर रहे हैं. इसमें बहुत ही कम मतदान हुआ है. शायद मैंने अपने जीवन में सबसे कम मतदान देखा है. जब मजूमदार से पूछा गया कि क्या उन्होंने खुद मतदान किया है तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि इस पर टिप्पणी नहीं करनी है.
आपको बता दें कि बांग्लादेश में यह पहली बार नहीं हुआ है कि जब विपक्ष ने चुनाव का बहिष्कार का आव्हान किया है. इससे पहले 2014 में भी विपक्ष ऐसा कर चुका है. तब आवामी लीग को 300 में 263 सीटों पर सफलता हासिल हुई थी. इस बार भी माना जा रहा है कि आवामी लीग उसी प्रदर्शन को दोहरा सकता है.
दावें किए जा रहे हैं कि कई सीटों पर प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी ने विपक्ष में डमी कैंडिडेट्स को चुनाव में उतारा है, ताकि चुनाव को वैधानिक तौर पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मंजूरी मिल सके. बांग्लादेश की एक सदनीय संसद में 350 सदस्य होते हैं. जिनमें से 300 सांसद हर पांच साल में होने वाले राष्ट्रीय चुनावों में चुने जाते हैं. सत्तारूढ़ दल द्वारा नियुक्त महिलाओं के लिए पचास सीटें आरक्षित हैं. बांग्लादेश संसद में राज्यसभा नहीं होता है.