गुजरात के वडोदरा जिले में बुधवार सुबह एक बड़ा हादसा हुआ, जब महिसागर नदी पर बना 45 साल पुराना गंभीरा (Gambhira bridge Mahisagar river collapsed) पुल अचानक ढह गया। इस हादसे में चार वाहन, जिनमें दो ट्रक, एक बोलेरो जीप और एक पिकअप वैन शामिल थे, नदी में जा गिरे। हादसे में कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य को बचा लिया गया।
यह हादसा सुबह करीब 7:30 बजे पादरा तालुका के मुजपुर गांव के पास हुआ। गंभीरा पुल, जो वडोदरा और आणंद जिलों को जोड़ता है, मध्य गुजरात और सौराष्ट्र के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी था। हादसे के बाद स्थानीय लोग तुरंत मौके पर पहुंचे, और पुलिस, वडोदरा जिला अग्निशमन और आपातकालीन टीम के साथ-साथ राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने बचाव कार्य शुरू किया।
वडोदरा के जिला कलेक्टर अनिल धमेलिया ने बताया, “पांच लोगों को मामूली चोटों के साथ बचा लिया गया है, और 6 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। बचाव अभियान अभी भी जारी है।” हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में मृतकों की संख्या 6 बताई जा रही है।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि गंभीरा पुल की स्थिति कई वर्षों से खराब थी और इसे भारी ट्रैफिक के लिए असुरक्षित माना जा रहा था। इसके बावजूद, मरम्मत के लिए बार-बार की गई मांगों को नजरअंदाज किया गया। एक स्थानीय टीवी चैनल ने दो दिन पहले ही इस पुल के खतरनाक स्थिति की चेतावनी दी थी, लेकिन प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया।
कांग्रेस नेता अमित चावड़ा ने सोशल मीडिया पर इस हादसे को लेकर सरकार की आलोचना की और कहा, “गंभीरा पुल का ढहना गुजरात में बुनियादी ढांचे की खराब स्थिति को दर्शाता है। सरकार को तत्काल बचाव कार्य तेज करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए।”
यातायात और व्यापार पर असरगंभीरा पुल के ढहने से आणंद, वडोदरा, भरूच और अंकलेश्वर को सौराष्ट्र से जोड़ने वाला एक प्रमुख मार्ग टूट गया है, जिससे यातायात और व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। प्रशासन ने वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था शुरू की है, लेकिन इससे यात्रियों और माल परिवहन में देरी हो रही है।
जानकारी के अनुसार, भारी बारिश और पुल की पुरानी स्थिति इस हादसे के मुख्य कारण हो सकते हैं। यह 900 मीटर लंबा पुल, जिसमें 23 पियर्स थे, 1985 में बनाया गया था और इसे भारी वाहनों के लिए जोखिम भरा माना जा रहा था।
गुजरात के मंत्री रुशीकेश पटेल ने हादसे की पुष्टि करते हुए कहा कि जांच के आदेश दे दिए गए हैं। प्रशासन ने प्रभावित परिवारों के लिए सहायता की घोषणा की है, और बचाव कार्यों को तेज करने के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाए जा रहे हैं।
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत और नितिन अग्रवाल ने इस हादसे को “गुजरात मॉडल” में भ्रष्टाचार का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता और रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया जाता।आगे की राहयह हादसा गुजरात में बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और रखरखाव पर सवाल उठाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि पुराने पुलों और सड़कों की नियमित जांच और मरम्मत जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके। फिलहाल, प्रशासन की प्राथमिकता बचाव कार्य पूरा करना और प्रभावित मार्ग पर यातायात बहाल करना है।