Bihar Politics: बिहार के पूर्व मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी दरभंगा में एक सभा के दौरान दिए गए अपने बयान के बाद राजनीतिक विवादों में घिर गए हैं। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ से पहले एक सभा में बोलते हुए, सिद्दीकी ने ऐसी टिप्पणी की जिसे व्यापक रूप से हिंदू समुदाय पर निशाना साधते हुए माना जा रहा है। वहीं, अपने बयान के कारण विभिन्न राजनीतिक दलों में अब्दुल बारी सिद्दीकी की आलोचना हो रही है।
सिद्दीकी ने कहा, हिंदुओं को हमारे पूर्वजों का इतिहास बताओ।
दरअसल, सिद्दीकी ने सभा को संबोधित करते हुए हिंदुओं को कट्टरपंथी बनाने के कथित प्रयासों के लिए भाजपा की आलोचना की। उन्होंने कहा, “हमारे हिंदू भाइयों को धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद, संविधान और हमारे पूर्वजों के इतिहास के बारे में और अधिक जागरूक करने की आवश्यकता है।” भाजपा को लेकर उनके इस बयान ने विवाद को और बढ़ा दिया। आलोचकों ने उन पर संवैधानिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का पाठ पढ़ाने के लिए हिंदू समुदाय को निशाना बनाने का आरोप लगाया।
बयान देकर फंसे पूर्व मंत्री, मांगी माफ़ी। Bihar Politics
बढ़ती आलोचना के बीच, सिद्दीकी ने मीडिया के सामने अपनी टिप्पणी पर सफाई दी। बिहार के पूर्व मंत्री एवं राजद के कद्दावर नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने सफाई देते हुए कहा कि मेरा किसी धर्म को ठेस पहुंचना मकसद नहीं था। मैं तो केवल यह कहने का प्रयास कर रहा था कि मुसलमानों ने देश के इतिहास में एक न मिटने 4वाली छाप छोड़ी है। देश को मज़बूत बनाना सभी समुदायों का कर्तव्य है। संविधान में बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक, दोनों वर्गों का उल्लेख है।”
सिद्दीकी ने इसे एक राजनीतिक टिप्पणी बताया। Bihar Politics
सिद्दीकी ने अपने मूल बयान को आगे बढ़ाते हुए समाज को एकजुट करने में बहुसंख्यक समुदाय की ज़िम्मेदारी पर ज़ोर दिया। उन्होंने यह भी ज़ोर दिया कि उनकी टिप्पणी किसी एक धर्म के ख़िलाफ़ नहीं, बल्कि लोगों को कट्टरपंथी बनाने की कोशिश कर रहे राजनीतिक संगठनों के ख़िलाफ़ थी। उन्होंने अपनी शुरुआती टिप्पणी में संशोधन करते हुए कहा, “यह ज़रूरी है कि सभी धार्मिक समूह धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद और संवैधानिक मूल्यों को समझें, सिर्फ़ हिंदू ही नहीं।”