Flesh Eating Bacteria Infection: कोविड-19 महामारी के डर से लोग अभी तक पूरी तरह बाहर भी नहीं निकल पाए थे कि एक और मांस खाने वाले बैक्टीरिया ने लोगों में दहशत को जन्म दे दिया है। जापान में दशहत मचाने वाले ये मांस खाने वाला जीवाणु संक्रमण, स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (STSS) या ‘मांस खाने वाला बैक्टीरिया’ के नाम से जाना जाता है। यह जानलेवा संक्रमण 48 घंटों के भीतर पीड़ित के लिए घातक साबित हो सकता है। जापान में इस जानलेवा इन्फेक्शन के लगभग 1,000 मामले सामने आ चुके हैं। बताया जा रहा है कि इस इन्फेक्शन की मृत्यु दर 30 प्रतिशत है। जनवरी से लेकर मार्च माह के बीच इस संक्रमण से लगभग 77 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं पिछले साल इस संक्रमण से 97 मौतें हुई थीं।
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क्या है स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (Stss Bacteria in Japan)-
एसटीएसएस एक दुर्लभ लेकिन गंभीर बैक्टीरियल इन्फेक्शन है, जो बैक्टीरिया के शरीर के भीतरी टिश्यू और ब्लड में घुसकर विषाक्त पदार्थ छोड़ने पर होता है। इससे बॉडी घातक रिएक्शन करती है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति में लो ब्लड प्रेशर, शरीर में सूजन और मल्टीपल ऑर्गन फेलियर जैसे लक्षण उभर सकते हैं।
स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम के लक्षण (Stss Bacterial Infection Symptoms)-
- एसटीएसएस से पीड़ित व्यक्ति में शुरुआत में बुखार, ठंड लगना, मिचली, मांसपेशियों में दर्द और उल्टी जैसे लक्षण नजर आते हैं।
- 24 से 48 घंटों के अंदर यह लो ब्लड प्रेशर, मल्टीपल ऑर्गन फेलियर,तेज दिल की धड़कन और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं पैदा करके जानलेवा स्थिति पैदा कर सकता है।
- ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकोकस (जीएएस) आमतौर पर बच्चों में स्ट्रेप थ्रोट का कारण बनता है, लेकिन वयस्कों में यह हाथ-पैरों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सूजन, बुखार और लो ब्लड प्रेशर जैसे गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है।
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कैसे करें मांस खाने वाला बैक्टीरिया की रोकथाम (How to Protect Yourself From Flesh Eating Bacteria)-
- एसटीएसएस से बचे रहने के लिए व्यक्ति को साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए।
- भोजन करने से पहले और बाद में अच्छी तरह हाथ धोएं।
- खांसते या छींकते समय मुंह को ढंकना, जैसी आदतों को अपने रूटिन में जरूर शामिल करें।
- किसी भी घाव को खुला ना छोड़े।
- जिन लोगों के शरीर में खुला घाव होता है, उनमें ये बैक्टीरिया तैजी से फैल सकता है।
- घाव को साफ रखें और संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।