सीधी में मादा घड़ियालों ने जन्में 132 बच्चे, अभ्यारण केन्द्र के लोगो में प्रसन्नता

सीधी। एमपी के सीधी जिला में स्थित सोन घड़ियाल अभ्यारण में 5 मादा घड़ियालों ने 132 बच्चों को जन्म दिए है। उनके बच्चे अब अभ्यारण केन्द्र में अब विचरण कर रहे है। बताया जाता है कि यह पहला अवसर है जब सोन घड़ियाल अभ्यारण में इतनी संख्या में 132 बच्चों का जन्म हुआ है, हांलाकि बच्चों को सुरक्षित करना अब अभ्यारण केन्द्र के लोगो के लिए चुनौती है। विशेषज्ञ बताते है कि जन्म के बाद तकरीबन 2 प्रतिशत बच्चे ही बच पाते है।

अभ्यारण केन्द्र पर एक नजर

वर्तमान में अभ्यारण में 38 वयस्क घड़ियाल, 74 मगरमच्छ, 41 स्कीमर और 49 प्रजातियों के 4015 पक्षी मौजूद हैं। कम उम्र में नर और मादा की पहचान मुश्किल होने के कारण नवजात बच्चों को इस गणना में शामिल नहीं किया गया है।

1981 में शुरू किया गया था घड़ियाल

घड़ियाल सहित नदी जीवों के संरक्षण के महत्व को स्वीकार करते हुए, मध्य प्रदेश सरकार ने 23 सितंबर 1981 के एक आदेश द्वारा सोन नदी और इसकी मुख्य दो सहायक नदियों से युक्त क्षेत्र को सोन घड़ियाल वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया। मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने 11 अक्टूबर 1981 को एक जोड़ा मगर और एक जोड़ा घड़ियाल को सोन नदी में छोड़कर अभयारण्य का आधिकारिक उद्घाटन किया। अभयारण्य तीन नदियों और उनके तटों को कवर करता है। 210 किमी की कुल लंबाई में से 161 किमी सोन नदी , 23 किमी बनास नदी और 26 किमी गोपद नदी है। अभयारण्य की सीमा बाणसागर बांध से शुरू होती है और पीपरघार गाँव में समाप्त होती है।

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