Failed Love Story of Bollywood Smita Patil to Sulakshana Pandit: बॉलीवुड की चमक धमक वाली दुनिया में बड़े पर्दे पर रोमांस और प्यार की कहानी लोगों का दिल छू जाती है। कई बार पर्दे के पीछे यह प्रेम कहानी पनपने भी लगती है। कुछ प्रेम कहानियों को मंजिल मिल जाती है तो कुछ प्रेम कहानी अधूरी रह जाती है। यह प्रेम कहानी कभी समय की मार, कभी समाज के बंधन, कभी परिवार की सीमाओं और कभी परिस्थितियों की वजह से पूरी नहीं हो पाती।

सुलक्षणा पंडित की मृत्यु ने फिर से बयां कर दी अधूरी प्यार की दास्तां
संजीव कुमार- सुलक्षणा पंडित, राज बब्बर- स्मिता पाटिल जैसे जोड़े आज भी अधूरे प्यार के लिए याद किए जाते हैं। यह कहानी बताती है की असली जीवन में प्यार फिल्मी अंदाज में समाप्त नहीं होता बल्कि दिलों में जिंदा रहता है और आज हम आपको इन्हीं फिल्मी जोड़ों के बारे में बताएंगे जिनकी मोहब्बत कभी मुकम्मल ना हो सकी।
संजीव कुमार और सुलक्षणा पंडित: संजीव कुमार और सुलक्षणा पंडित की कहानी बॉलीवुड की सबसे भावनात्मक प्रेम कथा में से एक मानी जाती है। सुलक्षणा पंडित एक बेहतरीन गायिका और अभिनेत्री थी जो संजीव कुमार से गहरा प्रेम करती थी। परंतु संजीव कुमार के दिल में हेमा मालिनी बसती थी। हेमा मालिनी ने धर्मेंद्र से विवाह किया और इसी वजह से संजीव कुमार ने कभी शादी नहीं की। इसी बात की वजह से सुलक्षणा पंडित ने भी अपने जीवन में विवाह नहीं किया। और आज सुलक्षणा पंडित ने इस दुनिया को अधूरे प्यार की कहानी देकर अलविदा कह दिया है। जी हां सुलक्षणा पंडित 6 नवंबर 2025 को इस दुनिया से अलविदा कह कर जा चुकी है।
राज बब्बर -स्मिता पाटिल: बॉलीवुड में राज बब्बर स्मिता पाटिल की प्रेम कहानी भी एक संवेदनशील और दुख भरी दास्तां मानी जाती है। दोनों ने कई फिल्मों में साथ में काम किया। दोनों के बीच गहरा लगाव भी बना, प्यार की निशानी भी दुनिया में आई परंतु स्मिता पाटिल को कभी वह दर्जा नहीं मिला जिसके लिए वह जिंदगी भर तरसती रही। और आखिरकार स्मिता पाटिल ने प्रतीक बब्बर को जन्म देते वक्त दम तोड़ दिया और यह प्रेम कहानी हमेशा के लिए अधूरी छूट गई।
गुरु दत्त और वहीदा रहमान: इनकी प्रेम कहानी भी रहस्यमय और संवेदनशील मानी जाती है। गुरु दत्त पहले से ही गीता दत्त से विवाहित थे, परंतु फिल्मों की वजह से वहीदा रहमान के करीब आ गए। दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ी परंतु समाज और परिवार की सीमाओं की वजह से यह रिश्ता खुलकर सामने नहीं आ पाया गुरु दत्त अंदर ही अंदर अकेलेपन से जूझते रहे और अंतत उनकी मृत्यु हो गई। हालांकि वहीदा रहमान ने इस विषय पर हमेशा चुप्पी साधे रखी मगर लोगों ने उनकी आंखों में वह दर्द देखा जो बयां नही किया जा रहा था।
