Gold Silver पर एक्सपर्ट्स की चेतावनी, खरीदने से पहले जानें क्या है चेतावनी

Gold Silver Prices ऐतिहासिक स्तर पर पहुंचने के बाद अब गिरावट के दौर में हैं. दिवाली से लेकर अब तक सोने-चांदी की कीमत काफी गिर गई है. ऐसे में काफी लोग इन्हें खरीदने के लिए दौड़ रहे हैं. कारण है कि कई एक्सपर्ट ने आने वाले समय में इसमें फिर से तेजी की बात कही है. वहीं एक एक्सपर्ट ने चेतावनी दी है. इनका कहना है कि फिजिकल सोने-चांदी की खरीदारी महंगी पड़ सकती है.

CA नितिन कौशिक की चेतावनी

CA (चार्टर्ड अकाउंटेंट सीए) नितिन कौशिक ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट में निवेशकों को फिजिकल गोल्ड और सिल्वर की चमक-दमक से सावधान रहने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि लोग अक्सर भावनात्मक जुड़ाव के कारण इन धातुओं में निवेश के छिपे हुए खर्चों और कमियों को नजरअंदाज कर देते हैं. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा है कि लोगों को सोना और चांदी सुरक्षित लगते हैं. वे चमकते हैं. साथ ही ये असेट अमीरी का एहसास दिलाते हैं. इसके बाद उन्होंने फिजिकल कीमती धातुओं में निवेश की तीन ऐसी चुनौतियों के बारे में बताया जिन पर अक्सर लोग ध्यान नहीं देते. ये तीन चीजें स्प्रेड ट्रैप, स्टोरेज और शुद्धता हैं.

What is Spread Trap! क्या है स्प्रेड ट्रैप?

कौशिक बताते हैं कि ज्यादातर छोटे निवेशक ‘बाय-सेल स्प्रेड’ को कम आंकते हैं. यह वह अंतर होता है जो आप खरीदने के समय चुकाते हैं और बेचने के समय आपको मिलता है. उन्होंने कहा कि फिजिकल सोना खरीदने का मतलब है रिटेल कीमत चुकाना, जिसमें डीलर का मार्जिन, जीएसटी और मेकिंग चार्ज शामिल होते हैं. उन्होंने कहा कि जब आप सोना या चांदी बेचते हैं तो आपको होलसेल कीमत मिलती है.

CA ने उदाहरण से समझाया

उदाहरण से समझिए यदि कोई व्यक्ति ₹1.22 लाख प्रति किलो के भाव से सोना खरीदता है, तो उसे बेचने पर शायद ₹1.18 लाख ही मिलें इसका साफ मतलब है कि बाजार भाव में कोई बदलाव न होने पर भी उसे तुरंत 4,000 रुपये प्रति किलो का नुकसान हो जाएगा. इसकी तुलना में डिजिटल गोल्ड या गोल्ड ETF में स्प्रेड सिर्फ 500 से 2000 रुपये प्रति किलो तक होता है, जो लंबे समय के निवेशकों के लिए लागत के मामले में बहुत बेहतर है.

Storage and Safety (स्टोरेज और सेफ्टी)

अब एक सबसे अहम बात आती है कि, आखिर फिजिकल सोने को सुरक्षित रखने के लिए क्या करें मसलन लॉकर, बीमा और चोरी से सुरक्षा जैसी चीजों की जरूरत होती है. इन सबमें लगातार खर्च आता है और चिंता भी बनी रहती है. CA बताते हैं कि 10 किलो सोने के लिए सालाना लॉकर का किराया काफी ज्यादा हो सकता है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि इसमें हमेशा ‘मन की शांति का जोखिम’ भी रहता है. इसके विपरीत डिजिटल गोल्ड जैसे विकल्प इंश्योर्ड, ऑडिटेड वॉल्ट्स (सुरक्षित तिजोरियों) में रखे जाते हैं.

शुद्धता की चिंता

नितिन कौशिक बताते हैं कि हॉलमार्क वाले फिजिकल सोने में भी छिपी हुई अशुद्धियां हो सकती हैं या उसे बेचने पर कम दाम मिल सकते हैं. खासकर गहनों के मामले में क्योंकि उनमें मेकिंग चार्ज जुड़ा होता है. कौशिक ने चेतावनी दी कि शुद्धता को अक्सर हल्के में लिया जाता है. उन्होंने कहा कि अगर आप भरोसेमंद डीलरों से सोना या चांदी न खरीदें तो इनमें मिलावट हो सकती है. ऐसे में इन्हें बेचने पर कम कीमत मिल सकती है.

Digital Gold और Silver ETF में शुद्धता की गारंटी होती है और ये SEBI रेगुलेटेड कस्टोडियन या सर्टिफाइड वॉल्ट्स द्वारा समर्थित होते हैं. इससे बेचने के समय टेस्टिंग या क्वालिटी को लेकर कोई विवाद नहीं होता है.

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