Euphrates River Gold, Euphrates River Islam / Bible Story In Hindi: ये एक नदी है जिसे अरबी में الفرات और तुर्क में Fırat कहते हैं ये टिगरिस नदी के साथ मिलकर , दक्षिण-पश्चिम एशिया की एक विशाल नदी प्रणाली बनाती है। फ़रात नदी लगभग 1,700 मील यानी 2,700 किलोमीटर लंबी है।
ये पूर्वी तुर्की के पहाड़ों से शुरू होती है जो उत्तरी सीरिया और इराक से होकर दक्षिण-पूर्व में बहती है। फ़रात नदी, टिगरिस या दजला नदी के साथ-साथ बहती है और दक्षिण-पूर्वी इराक में दोनों का मिलन हो जाता है। ये दोनों मिलकर शट्ट अल-अरब नाम की नदी बनाती हैं जो फारस की खाड़ी में बहती है।
Euphrates River | इन नदियों के बीच की ज़मीन को क्या कहते हैं?
फ़रात नदी, टिगरिस नदी के बीच की ज़मीन को ‘मेसोपोटामिया ‘ के नाम से जाना जाता है । दुनिया की कुछ सबसे प्राचीन सभ्यताएँ हज़ारों साल पहले यहीं स्थापित हुई थीं।
इस क्षेत्र को “सभ्यता का पालना” माना जाता है। फरात नदी के किनारे मेसोपोटामिया की सभ्यता फली-फूली थी, जो दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है। प्राचीन बेबीलोन शहर फरात नदी के किनारे ही स्थित था।
क़ुरान और बाइबल में ज़िक्र | Euphrates River In Islam / Bible
फ़रात नदी दक्षिणपश्चिम एशिया की सबसे लम्बी और एतिहासिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण नदियों में से एक है। ये नदी तुर्किये में टौरस पहाड़ों पर आरम्भ होकर – सीरिया और इराक में प्रविष्ट होती है और शात अल-अरब में दजला नदी से मिलती है और फ़ारस की खाड़ी में गिरती है।
इसका ज़िक्र बाइबल और क़ुरआन दोनों मे मिलता है जिसमें कहा गया है कि इस नदी का पानी जब सूख जाएगा तब इसमें से सोने निकलेगा और इतना सोना निकलेगा की सोने का पहाड़ बन जाएगा हालांकि ये इस बात की निशानी होगी कि क़यामत बहुत नज़दीक होगी। ईसाई बाइबिल में इसका उल्लेख ईश्वर द्वारा निर्मित अदन की चार नदियों में से एक के रूप में किया गया है।
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फरात नदी पश्चिम एशिया की एक प्रमुख नदी है। यह तुर्की, सीरिया और इराक से होकर बहती है। फरात नदी का उद्गम तुर्की में होता है, और यह दक्षिण-पूर्व दिशा में बहते हुए सीरिया और इराक में प्रवेश करती है। अंत में, ये दजला नदी के साथ मिलकर शट्ट अल-अरब बनाती है, जो फारस की खाड़ी में गिरती है।
दजला ( Tigris ) और फरात ( Euphrates ) नदियाँ मुख्य रूप से इराक और सीरिया में बहती हैं, और इनका कुछ हिस्सा तुर्की में भी है. ये दोनों नदियाँ मिलकर मेसोपोटामिया की सभ्यता का आधार बनी.
दजला और फरात नदियों कहां से कहां तक बहती हैं
दजला नदी (Tigris River): ये नदी तुर्की से निकलकर सीरिया और इराक से होते हुए बहती है. फरात नदी (Euphrates River): ये नदी भी तुर्की से निकलकर सीरिया और इराक में बहती है. अंततः, ये दोनों नदियाँ मिलकर शट्ट अल-अरब बनाती हैं और फारस की खाड़ी में गिरती हैं।
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इसमें इतना पानी कहां से आता है?
फ़रात नदी को अपना अधिकांश जल सर्दियों की बारिश और पहाड़ों पर होने वाली बर्फबारी से ही मिलता है। फ़रात नदी जिस ज़मीन से होकर बहती है, उसका बाकी हिस्सा सूखा ही रहता है क्योंकि गर्मियों में यहाँ बहुत गर्मी पड़ती हैलेकिन फ़रात और टिगरिस नदियाँ कठोर जलवायु के बावजूद इस क्षेत्र को रहने योग्य बनाती हैं।
लोगों का जीवन व्यवस्थित और आसान होता है लोग नदियों के पानी का इस्तेमाल खेतों की सिंचाई के लिए करते हैं और जैतून, तंबाकू, अनाज, खजूर जैसी खेती करते हैं। प्राचीन काल में, फरात नदी शहरी विकास और कृषि बस्तियों का स्रोत थी। इसने क्षेत्र की संस्कृति को भी बढ़ावा दिया। इसने धर्म के विकास को प्रभावित किया।