EPISODE 44: कृषि आश्रित समाज के भूले बिसरे मिट्टी की वस्तुए या बर्तन FT. पद्मश्री बाबूलाल दहिया

पद्मश्री बाबूलाल दहिया

कल हमने दीवट, बाना, सांग,परी, कजरौटा आदि लौह उपकरणों की जानकारी दीथी। आज उसी क्रम में अन्य उपकरणों की जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं।

सबरी


यह लगभग दो हाथ लम्बी एक इंच मोटी गोल और नीचे चौड़ी धारदार एक लौह दण्डिका होती है जिसमें जमीन में पशुओं के बांधने केलिए खूंटा आदि गड़ाने के लिए दर खोदा जाता है। खेतों में बाड़ लगाने पेड़ पौधे लगाने हेतु भी इससे गड्ढे खोदे जाते हैं। सबरी का उपयोग अब भी यथावत है।

अंकुश


यह लौह का लगभग एक फीट लम्बा रस्सी में बांध पानी खींच ने का एक उपकरण होता है जिसे लौह शिल्पी चिमटे की तरह बना देता है। इसमें बाल्टी का कड़ा फँसा कर दबा दिया जाय तो वह उसके अन्दर फस जाता है और बाहर नही निकलता। पर कुएं से पानी भरने के पश्चात दबा देने से वह कड़ा पुनः बाहर हो जाता है। परन्तु अब प्रचलन में कम ही दिखता है।

तोता का पिजड़ा


प्राचीन समय में जब कच्चे मकान हुआ करते थे तब गांव में तोता पालने का बहुत बड़ा रिवाज था। उस समय एक लौह के पतले बन्द का पिजड़ा बनता था। तोता के लिए सबसे जरूरी होता था बिल्ली से उसकी सुरक्षा जो कच्चे घरों में ही सम्भव थी। क्योकि घर के परछी में ठाठ की किसी लकड़ी में पिजड़े को लटका दिया जाता जहाँ बिल्ली छलांग नही लगा सकती थी। पर अब चलन से बाहर है।

मुसभन्ना


यह चूहों के पकड़ने का एक पिजड़ा होता था। इसके अन्दर चूहों के खाने केलिए फल या रोटी के टुकड़े रख दिए जाते थे। फिर खाने के लालच में चूहा दरवाजे से अन्दर तो चला जाता लेकिन बाहर आने पर दरवाजा बन्द हो जाता था अस्तु वह वहीं रह जाता। बाद में उस मुसभन्ना को घर से दूर कहीं जंगल मैदान में लेजाकर चूहों को छोड़ आया जाता। पर अब यह चलन से बाहर है।

बड़ा चिमटा


यह चिमटा रोटी सेंकने वाले चिमटे से अलग लगभग दो हाथ लम्बा और उससे मोटा होता है जिसे साधु लोग हाथ में लेकर चलते हैं। इसके ऊपर एक गोल कड़ा भी लगा रहता है जो भजन गाते समय चिमटा के बजाने में सहायक होता है। इसे कुछ साधु अभी भी पास में रखते हैं।

त्रिशूल


त्रिशूल तीन फ़न का बना होता है जो भगवान शिव का अस्त्र माना जाता है। यह लगभग एक फुट आकार का शिव जी की मूर्ति के पास प्रतीक के रूप में रखा जाता है। परन्तु एक लगभग तीन चार फीट लम्बा भी बनता है और उस त्रिशूल को सैब्य साधु अपने हाथ में लेकर चलते हैं।

हाथी का अंकुश


यह लगभग दो फीट लम्बा दो फन का एक अस्त्र होता है।इसे हाथी को चलाने वाले महावत अपने हाथ में लेकर हाथी की सवारी करते हैं और इसी अंकुश के इशारे पर ही उसे चलाते हैं।
आज के लिए बस इतना ही कल फिर मिलेंगे इस श्रृंखला की अगली कड़ी में।

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