जल्द शुरू होगी Starlink India की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस: 840 रुपये से कम में अनलिमिटेड डेटा की उम्मीद

भारत में इंटरनेट की दुनिया में जल्द ही क्रांतिकारी बदलाव होने वाला है। (Elon Musk) की कंपनी (Starlink In India) भारत में अपनी (Satellite Internet Service) शुरू करने की तैयारी में है, जो ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में हाई-स्पीड इंटरनेट (High-Speed Internet) उपलब्ध कराएगी। सूत्रों के अनुसार, Starlink 840 रुपये प्रति माह से कम कीमत पर अनलिमिटेड डेटा प्लान (Unlimited Data Plan) पेश कर सकती है। यह कदम भारत के टेलीकॉम बाजार में नया आयाम जोड़ेगा।

भारत में Starlink की इंटरनेट सर्विस कब शुरू होगी?

When will Starlink internet service start in India: Starlink को भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू करने के लिए (Department of Telecommunications, DoT) से 7 मई 2025 को लेटर ऑफ इंटेंट (Letter of Intent, LoI) मिल चुका है। यह मंजूरी (Global Mobile Personal Communication by Satellite, GMPCS) लाइसेंस के लिए दी गई है, जो सुरक्षा और रणनीतिक मुद्दों (Security Concerns) को हल करने के बाद मिली। अब Starlink को (Indian National Space Promotion and Authorisation Centre, IN-SPACe) से अंतिम मंजूरी का इंतजार है। सूत्रों के अनुसार, यह मंजूरी अगले कुछ हफ्तों में मिल सकती है, जिसके बाद Starlink भारत में अपनी सेवाएं शुरू कर सकती है। संभावना है कि 2025 के मध्य तक यह सर्विस देश में शुरू हो जाएगी।

Starlink ने हाल ही में भूटान और बांग्लादेश में अपनी सेवाएं शुरू की हैं, और भारत में भी यह जल्द लॉन्च होने की उम्मीद है। कंपनी ने (Reliance Jio) और (Bharti Airtel) के साथ साझेदारी की है, जो भारत में इसकी सेवाओं को बेचने में मदद करेंगी।

Starlink का शुल्क कितना होगा?

Starlink भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को 10 डॉलर यानी लगभग 840 रुपये प्रति माह से कम कीमत पर शुरू करने की योजना बना रही है। यह शुरुआती प्रचारात्मक मूल्य (Starlink Promotional Pricing) होगा, जिसका लक्ष्य तेजी से ग्राहकों को जोड़ना है। हालांकि, पारंपरिक ब्रॉडबैंड सेवाएं भारत में 300 रुपये प्रति माह से शुरू होती हैं, लेकिन Starlink की खासियत यह है कि यह दूरदराज के क्षेत्रों में भी इंटरनेट उपलब्ध कराएगी, जहां फाइबर या मोबाइल नेटवर्क (Fiber/Mobile Networks) की पहुंच नहीं है।

उपयोगकर्ताओं को एक बार में स्टारलिंक किट (Starlink Standard Kit) खरीदने के लिए भी भुगतान करना होगा। बांग्लादेश में इस किट की कीमत लगभग 33,000 रुपये और शिपिंग शुल्क लगभग 1,961 रुपये है। भारत में भी इसी तरह की कीमत की उम्मीद है, जो मध्यम वर्ग (Middle Class) के लिए महंगी हो सकती है। विश्लेषकों का मानना है कि Jio और Airtel के साथ साझेदारी से भारत में किट और प्लान की कीमत में कुछ सब्सिडी मिल सकती है।

सर्विस शुरू होने में किस बात का इंतजार?

Starlink की भारत में सेवाएं शुरू होने में कुछ प्रमुख बाधाएं और प्रक्रियाएं हैं, जिनका इंतजार है:

  1. IN-SPACe की मंजूरी: DoT से LoI मिलने के बाद, Starlink को IN-SPACe से अंतिम मंजूरी की जरूरत है। यह मंजूरी अंतर-मंत्रालयी समिति (Inter-Ministerial Committee) द्वारा दी जाएगी, जिसमें गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs), विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs), और अन्य मंत्रालय शामिल हैं।
  2. स्पेक्ट्रम आवंटन (Spectrum Allocation Starlink): DoT ने सैटेलाइट संचार के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। (Telecom Regulatory Authority of India, TRAI) ने 4% समायोजित सकल राजस्व (Adjusted Gross Revenue, AGR) और प्रति MHz 3,500 रुपये की न्यूनतम वार्षिक भुगतान की सिफारिश की है। यह पारंपरिक टेलीकॉम सेवाओं से महंगा है, लेकिन Starlink जैसे बड़े खिलाड़ियों के लिए यह बाधा नहीं होगी।
  3. बुनियादी ढांचा: Starlink को भारत में तीन गेटवे (Gateways) स्थापित करने की योजना है, जो सैटेलाइट डेटा को जमीन पर इंटरनेट से जोड़ेंगे। इस प्रक्रिया में समय लग सकता है, क्योंकि इसके लिए स्थानीय बुनियादी ढांचे और तकनीकी सेटअप की जरूरत है।

चुनौतियां और संभावनाएं

Starlink के पास वर्तमान में 7,000 से अधिक सैटेलाइट्स (Low Earth Orbit Satellites) हैं, जो विश्व स्तर पर 40 लाख उपयोगकर्ताओं को सेवा दे रहे हैं। हालांकि, भारत में इसकी क्षमता (Capacity Constraints) सीमित हो सकती है। विश्लेषकों के अनुसार, Starlink की सैटेलाइट क्षमता का केवल 0.7-0.8% भारत के लिए उपलब्ध होगा, जिससे शुरू में केवल 15 लाख उपयोगकर्ता ही जुड़ पाएंगे।

भारत में बिजली की कमी और गर्मी जैसी समस्याएं Starlink की डिश को प्रभावित कर सकती हैं, क्योंकि यह सौर पैनल या स्थिर बिजली आपूर्ति पर निर्भर करती है। फिर भी, Starlink की हाई-स्पीड और कम लेटेंसी वाली इंटरनेट सेवा ग्रामीण भारत के लिए गेम-चेंजर हो सकती है, जहां पारंपरिक नेटवर्क की पहुंच सीमित है।

प्रतिस्पर्धा और भविष्य

Starlink को भारत में (Amazon Project Kuiper), (Jio SpaceFiber), और (Eutelsat OneWeb) जैसे प्रतिस्पर्धियों से कड़ी टक्कर मिलेगी। Amazon ने भी भारत में सैटेलाइट इंटरनेट के लिए DoT से मंजूरी मांगी है, और 3,200 से अधिक सैटेलाइट्स के साथ अपनी सेवाएं शुरू करने की योजना बना रही है। Airtel और Jio ने पहले ही GMPCS लाइसेंस और IN-SPACe की मंजूरी हासिल कर ली है, जिससे वे बाजार में शुरुआती बढ़त ले सकते हैं।

Starlink की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस भारत में 2025 के मध्य तक शुरू होने की उम्मीद है, जिसमें 840 रुपये से कम कीमत पर अनलिमिटेड डेटा प्लान की पेशकश हो सकती है। IN-SPACe की मंजूरी और स्पेक्ट्रम आवंटन जैसी प्रक्रियाएं पूरी होने का इंतजार है। यह सेवा ग्रामीण भारत में डिजिटल कनेक्टिविटी (Digital Connectivity) को बढ़ावा दे सकती है, लेकिन उच्च प्रारंभिक लागत और सीमित सैटेलाइट क्षमता चुनौतियां पेश कर सकती हैं। Starlink की एंट्री भारत के टेलीकॉम बाजार में एक नया अध्याय शुरू करेगी, जो डिजिटल इंडिया (Digital India) के सपने को और मजबूत करेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *