मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, फरवरी में भी हाइब्रिड वाहनों की बिक्री इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री की तुलना में पांच गुना तेजी से बढ़ी
भारतीय ऑटोमोटिव सेक्टर के रुझानों में कुछ बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। देश के निवासी हाइब्रिड कारों
(HYBRID VEHICLE )पर भरोसा करते हैं। भले ही उनकी कीमत इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) से दोगुनी है। अप्रैल और जून के बीच हाइब्रिड वाहनों की बिक्री ने इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को पीछे छोड़ दिया।
बिक्री की तुलना में पांच गुना तेजी से बढ़ी
व्हीकल डैशबोर्ड डेटा के मुताबिक, अप्रैल से 11 जून तक देश में हर महीने 7,500 इलेक्ट्रिक वाहन बेचे गए। हर महीने 15,000 ईवी बेचे गए और हाइब्रिड वाहन की बिक्री 59,814 रही। परफेक्ट इलेक्ट्रिक कारों की कीमतें 8 लाख रुपये से शुरू होती हैं। वहीं, हाइब्रिड कारों की कीमत 17 लाख रुपये से शुरू होती है। मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, फरवरी में भी हाइब्रिड वाहनों की बिक्री इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री की तुलना में पांच गुना तेजी से बढ़ी।
इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता बढ़ रही
हाइब्रिड वाहनों में एक आंतरिक दहन इंजन (आईसीई) होता है। जैसे गैसोलीन या डीजल, और एक इलेक्ट्रिक बैटरी जो कार की रेंज और ईंधन अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में मदद करती है। गैसोलीन और डीजल वाहनों के अलावा, दुनिया भर में मजबूत हाइब्रिड, माइल्ड हाइब्रिड, प्लग-इन हाइब्रिड और शुद्ध इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता बढ़ रही है।
हाइब्रिड कारों को क्यों पसंद करते हैं भारतीय?
बेहतर माइलेज: हाइब्रिड कारें बेहतर माइलेज देती हैं। यह लंबे सफर पर 25-30 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देती है।
कम परिचालन लागत: ऑटोमोटिव विशेषज्ञों के अनुसार, लंबे समय में हाइब्रिड कारों की परिचालन लागत इलेक्ट्रिक वाहनों की तुलना में कम होती है।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की चिंता नहीं: इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी एक बड़ी समस्या है। हाइब्रिड कारें ईंधन और बैटरी दोनों से चल सकती हैं।
रेंज की चिंता नहीं: इलेक्ट्रिक वाहनों में रेंज की चिंता, यानी कम चार्ज पर लंबी दूरी तय करने को लेकर अभी भी चिंताएं हैं। हाइब्रिड कारें इन चिंताओं से राहत दिलाती हैं। यदि बैटरी चार्ज नहीं है, तो इसका उपयोग गैसोलीन पर किया जा सकता है।