मध्यप्रदेश के तीन नए जिलों को चुनाव आयोग की मान्यता, कलेक्टर बने अपीलीय अधिकारी

MP News In Hindi: मध्यप्रदेश में दो साल पहले गठित तीन नए जिलों-मऊगंज, मैहर और पांढुर्णा को चुनाव आयोग ने आधिकारिक मान्यता प्रदान कर दी है। इसके साथ ही इन जिलों के कलेक्टरों को उनके जिला क्षेत्र में आने वाली विधानसभा सीटों के लिए अपीलीय अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने भी इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।

चुनाव आयोग ने जारी की अधिसूचना

चुनाव आयोग के सचिव सुमन कुमार दास द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, मऊगंज के कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी अब मऊगंज और देवतालाब विधानसभा क्षेत्र के लिए अपीलीय अधिकारी होंगे। इसी तरह, पांढुर्णा के कलेक्टर को पांढुर्णा और सौंसर विधानसभा क्षेत्र, जबकि मैहर के कलेक्टर को मैहर और अमरपाटन विधानसभा क्षेत्र के लिए अपीलीय अधिकारी के अधिकार दिए गए हैं।

पुराने जिलों के कलेक्टरों से वापस लिए गए अधिकार

इस बदलाव के तहत उन जिलों के कलेक्टरों से अपीलीय अधिकारी के अधिकार वापस ले लिए गए हैं, जिनसे अलग होकर ये नए जिले बने थे। अब तक सतना जिले के कलेक्टर मैहर और अमरपाटन विधानसभा सीटों, रीवा जिले के कलेक्टर मऊगंज और देवतालाब विधानसभा सीटों, तथा छिंदवाड़ा जिले के कलेक्टर पांढुर्णा और सौंसर विधानसभा सीटों के लिए अपीलीय अधिकारी थे। चुनाव आयोग के नए आदेश के बाद इन पुराने जिलों के कलेक्टरों से यह जिम्मेदारी हटा ली गई है।

नए जिलों को पहले नहीं मिले थे चुनावी अधिकार

गौरतलब है कि 2023 में बने मऊगंज, मैहर और पांढुर्णा जिलों में कलेक्टरों की नियुक्ति तो हो गई थी, लेकिन इन्हें जिला निर्वाचन अधिकारी के अधिकार नहीं दिए गए थे, क्योंकि चुनाव आयोग ने तब इनकी मान्यता नहीं दी थी। इस कारण 2023 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान इन जिलों के कलेक्टरों को चुनाव संबंधी कार्यवाही के लिए रीवा, सतना और छिंदवाड़ा के कलेक्टरों के माध्यम से काम करना पड़ता था। आयोग भी सारा पत्राचार इन्हीं पुराने जिलों के कलेक्टरों के साथ करता था।

नए आदेश से बदली स्थिति

चुनाव आयोग के ताजा निर्देशों के बाद अब इन तीनों नए जिलों के कलेक्टर स्वतंत्र रूप से जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में कार्य कर सकेंगे। यह कदम प्रशासनिक और चुनावी प्रक्रिया में इन जिलों की स्वायत्तता को बढ़ाने वाला माना जा रहा है। मध्यप्रदेश सरकार और चुनाव आयोग के इस समन्वित प्रयास से नए जिलों में प्रशासनिक व्यवस्था को और मजबूत करने में मदद मिलेगी।

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