नेपाल में 3 नवंबर की देर रात भूकंप आया. नेपाल सहित भारत के कई हिस्सो में इसके झटके महसूस किये गए. इस साल अब तक भारत की धरती 32 बार डोल चुकी है. लेकिन क्या आपको पता है भूकंप कैसे आता है. इसके पीछे की क्या वजह है? ये कब आता है, क्यों आता है. कितना ताकतवर हो सकता है.
What is earthquake in hindi: भूकंप पर बात करने से पहले थोड़ा भूगोल समझते हैं. हमारी पृथ्वी प्रमुख तौर पर चार परतों से बनी है. पहला तो इनर कोर (Inner Core) आउटर कोर (Outer Core) मैंटल (Mantle) और क्रस्ट (Crust). पृथ्वी की सबसे ऊपरी परत होती है. क्रस्ट। इसके बाद होता है मैंटल। ये दोनों मिलकर बनाते हैं लिथोस्फेयर (Lithosphere). लिथोस्फेयर की मोटाई 50 किलोमीटर है. जो अलग-अलग परतों से मिलकर बनी है. जिसे टेक्टोनिक प्लेट (Tectonic Plates) कहते हैं. पृथ्वी के अंदर 7 टेक्टोनिक प्लेट हैं जो लगातार घूमती रहती हैं. जब ये प्लेट एक दूसरे से टकराती हैं. एक दूसरे के ऊपर चढ़ती हैं या दुर जाती हैं, तब जमीन में हलचल होता है. इसे ही भूकंप (This is called earthquake) कहते हैं. भूकंप को नापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल करते हैं. जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल (Richter magnitude scale) कहते हैं.
रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल 1 से 9 तक होती है. भूकंप की तीव्रता को उसके केंद्र यानि एपीसेंटर से नापा जाता है. यानि उस केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा को इसी स्केल से मापा जाता है. 1 यानि कम तीव्रता की ऊर्जा निकल रही है. 9 यानी सबसे ज्यादा। बेहद भयावह और तबाही वाली लहर. ये दूर जाते जाते कमजोर होती चली जाती है. अगर रिक्टर स्केल में ये तीव्रता 7 नापी जाती है तो उसके आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में तेज झटके महसूस किये जाते हैं.
भूकंप चार प्रकार के होते हैं
Bhukamp Ke kitne prakar ke hote Hain: भूकंपों के चार प्रकार होते हैं. पहला इंड्यूस्ड अर्थक्वेक (Induced Earthquake) यानी ऐसे भूकंप जो हमारी यानि इंसानी गतिविधियों की वजह से पैदा होते हैं. जैसे सुरंगो को खोदना, किसी जलश्रोत को भरना या फिर किसी तरह के बड़े ज्योग्राफिकल या जियोथर्मल प्रोजेक्ट्स को बनाना। बांधो के निर्माण की वजह से भी भूकंप आते हैं.
दूसरा होता है वॉल्कैनिक अर्थक्वेक (Volcanic Earthquake) यानि वो भूकंप जो किसी ज्वालामुखी के फटने से पहले, फटते समय या फटने के बाद आते हैं. ये भूकंप गर्म लावा के निकलने और सतह के निचे उनके बहने की वजह से आते हैं. तीसरा होता है कोलैप्स अर्थक्वेक (Collapse Earthquake) यानि छोटे भूकंप के झटके जो जमीन के अंदर मौजूद गुफाओं और सुरंगो के टूटने से बनते हैं. पृथ्वी के अंदर होने वाले छोटे विस्फोटों की वजह से भी आते हैं.
चौथा प्रकार है एक्सप्लोसन अर्थक्वेक(Explosion Earthquake) इस तरह के भूकंप किसी रासायनिक विस्फोट या परमाणु विस्फोट की वजह से पैदा होते हैं.
कैसे मापा जाता है भूकंप(kaise mapa jata hai bhukamp)?
How are earthquakes measured: भूंकप की जांच रिक्टर स्केल(Richter scale) से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल (Magnitude Test Scale) कहा जाता है। Richter scale पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।
कितनी तबाही लाता है भूकंप?
रिक्टर स्केल असर
0 से 1.9 सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।
2 से 2.9 हल्का कंपन
3 से 3.9 कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर
4 से 4.9 खिड़कियां टूट सकती हैं और दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं।
5 से 5.9 फर्नीचर हिल सकता है।
6 से 6.9 इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
7 से 7.9 इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।
8 से 8.9 इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं। सुनामी का खतरा।
9 और उससे ज्यादा पूरी तबाही, कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी।
Hypocentre/Focus क्या होता है?
हाइपोसेंटर पृथ्वी के भीतर वह बिंदु है जहां से भूकंप स्टार्ट होता है. यह वह बिंदु है जहां पृथ्वी वास्तव में टूट गई और भूकंपीय ऊर्जा (seismic energy) जारी हुई। हाइपोसेंटर आमतौर पर पृथ्वी की सतह के नीचे कई किलोमीटर की गहराई पर मौजूद होता है और इसे भूकंपीय तकनीकों (seismic techniques) का उपयोग करके ऑंका जाता है। Hypocentre महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भूकंप के साइज और डैमेज की संभावना के बारे में जानकारी देता है। उथले हाइपोसेंटर (70 किमी से कम गहरे) वाले भूकंप आमतौर पर गहरे हाइपोसेंटर वाले भूकंपों की तुलना में अधिक हानिकारक होते हैं, क्योंकि वे पृथ्वी की सतह के करीब अधिक ऊर्जा छोड़ते हैं।
उदहारण से समझते हैं 26 जनवरी 2001 को Gujrat के कच्छ जिले में जो भूकंप आया था वह धरती की सतह से मात्र 16 km निचे था जिसने हद्द तबाही मचाई थी. जिसमें 30 हजारों से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.इसके आलावा इस भूकंप के कारण डेढ़ लाख से ज्यादा लोग जख्मी हुए और करीब 4 लाख माकन जमींदोज हो गए थे.
Epicentre क्या होता है?
What is Epicentre in hindi: एपिसेंटर आमतौर पर वह पॉइंट होता है, जिस पर भूकंप की तीव्रता सबसे अधिक होती है। यह पृथ्वी की सतह पर कई अलग-अलग स्थानों पर भूकंपीय तरंगों (seismic waves) के आने के समय को मापने के द्वारा ऑंका जाता है, और फिर इन मापों का उपयोग एपिसेंटर के स्थान को त्रिकोणित (triangular) करने के लिए किया जाता है। एपिसेंटर महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भूकंप के स्रोत (sources of earthquake) का पता लगाने का एक तरीका देता है, जो अक्सर भविष्य के भूकंपों की भविष्यवाणी करने और भूकंप की ओर ले जाने वाली अंतर्निहित भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं को समझने में उपयोगी होता है।
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