भोपाल में स्कूली बच्चों के लिए ई-रिक्शा पर प्रतिबंध, ट्रैफिक सुधार बैठक के आधार पर निर्णय

E-rickshaws For Children Banned In Bhopal: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्कूली बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने ई-रिक्शा को स्कूली बच्चों के परिवहन के लिए असुरक्षित बताते हुए इनके उपयोग पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। यह आदेश सोमवार, 21 जुलाई 2025 से लागू हो जाएगा, जिसके बाद ई-रिक्शा में बच्चों को स्कूल लाने-ले जाने की अनुमति नहीं होगी।

ई-रिक्शा क्यों हैं असुरक्षित

कलेक्टर सिंह ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि शहर में कई स्कूलों में बच्चों को घर से स्कूल और स्कूल से घर लाने-ले जाने के लिए ई-रिक्शा का उपयोग किया जाता है। हालांकि, ये वाहन बच्चों की सुरक्षा के लिए उपयुक्त नहीं हैं। ई-रिक्शा की संरचना और डिज़ाइन के कारण इनके पलटने का खतरा अधिक रहता है, जो बच्चों के लिए गंभीर जोखिम पैदा कर सकता है। कलेक्टर ने कहा, “बच्चों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। ई-रिक्शा में बच्चों को स्कूल भेजना ठीक नहीं है।”

ट्रैफिक सुधार बैठक के आधार पर निर्णय

यह निर्णय शुक्रवार को सांसद आलोक शर्मा द्वारा आयोजित ट्रैफिक सुधार बैठक के बाद लिया गया। बैठक में शहर के यातायात और परिवहन व्यवस्था पर चर्चा हुई, जिसमें कलेक्टर सिंह ने ई-रिक्शा के उपयोग पर चिंता जताई। उन्होंने विशेष रूप से छोटे बच्चों के लिए ई-रिक्शा की असुरक्षा पर जोर दिया और तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता बताई। बैठक के बाद कलेक्टर ने औपचारिक आदेश जारी कर ई-रिक्शा पर प्रतिबंध की घोषणा की।

वैकल्पिक व्यवस्था बनाएँ परिजन

इस आदेश के लागू होने के बाद भोपाल के स्कूलों और अभिभावकों को बच्चों के परिवहन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी। स्कूल वैन, बस या अन्य सुरक्षित परिवहन साधनों का उपयोग बढ़ सकता है। हालांकि, यह निर्णय अभिभावकों और स्कूल प्रशासन के लिए नई चुनौतियां भी ला सकता है, क्योंकि ई-रिक्शा एक किफायती और सुलभ परिवहन साधन माना जाता था।

अभिभावकों और स्कूलों की जिम्मेदारी

जिला प्रशासन ने स्कूलों और अभिभावकों से अपील की है कि वे बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें और आदेश का सख्ती से पालन करें। प्रशासन ने यह भी संकेत दिया है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। कलेक्टर ने स्कूल प्रबंधनों से बच्चों के परिवहन के लिए सुरक्षित और लाइसेंस प्राप्त वाहनों का उपयोग सुनिश्चित करने को कहा है।

ई-रिक्शा चालकों पर प्रभाव

हालांकि, इस आदेश से ई-रिक्शा चालकों की आजीविका पर भी असर पड़ सकता है, जिसके लिए प्रशासन को वैकल्पिक उपायों पर विचार करना पड़ सकता है। फिलहाल, शहर में स्कूली बच्चों के लिए सुरक्षित परिवहन व्यवस्था स्थापित करना प्रशासन, स्कूलों और अभिभावकों की साझा जिम्मेदारी होगी

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