Diwali Shubh Muhurat 2023: सदियों बाद बना ऐसा संयोग! जानें महालक्ष्मी पूजा के पांच राजयोग

Diwali Shubh Muhurat 2023

Diwali Shubh muhurat 2023 In Hindi / Mahalaxmi Pooja 2023: इस वर्ष दिवाली 12 नवंबर को है. इस दिन अमावस्या दोपहर तकरीबन 2.30 बजे के बाद से शुरू होगी। शाम को लक्ष्मी पूजा के वक्त पांच राजयोग रहेंगे। इनके साथ आयुष्मान, सौभाग्य और महालक्ष्मी योग भी बनेंगे। इस तरह आठ शुभ योगों में दिवाली मनेगी।

ज्योतिषियों का कहना है कि दिवाली पर शुभ योगों की ऐसी स्थिति पिछले 700 सालों में नहीं बनी. इतने शुभ संयोग बनने से ये लक्ष्मी पर्व सुख-समृद्धि देने वाला रहेगा। दिवाली पर बन रही ग्रह स्थिति देश की तरक्की का शुभ संकेत दे रही है.

दिवाली के बाद कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से नया साल शुरू होता है. व्यापारियों में पुष्य नक्षत्र और धनतेरस से नए बही-खाते लेकर कारोबारी नया साल शुरू करने की परंपरा भी रही है. दिवाली से ही जैन समाज का महावीर निर्वाण संवत भी शुरू होता है.

5 राजयोग कौन से हैं?

गजकेसरी, हर्ष, उभयचरी, काहल और दुर्धरा नाम के पांच राजयोग बन रहे हैं. जो शुक्र, बुध,चन्द्रमा और गुरु की स्थिति से बनेंगे। ज्योतिष में गजकेसरी योग को सम्मान और लाभ देने वाला माना जाता है. हर्ष योग को धन लाभ, संपत्ति और प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला माना है. काहल योग स्थितिरता और सफलता देता है. वहीं, उभयचरी योग से आर्थिक सम्पन्नता बढ़ती है. दुर्धरा योग शांति और शुभता बढ़ाता है.

कितने बजे है अमावस्या?

12 तारीख को सुबह रूप चौदस रहेगी। दोपहर 2.30 बजे बाद अमावस्या तिथि लग जाएगी। लक्ष्मी पूजन अमावस्या की रात में ही होता है, इस कारण दिवाली की पूजा 12 तारीख को ही होगी। पूजा के ज्यादातर मुहूर्त दोपहर 3 बजे से ही रहेंगे। अमावस्या सोमवार को दोपहर 3 बजे तक रहेगी, इसीलिए अगले दिन सोमवार को सोमवती अमावस्या भी मनाई जाएगी। अमावस्या का स्नान दान सोमवार को ही होगा।

12 को ही दिवाली क्यों मनाई जाएगी?

ग्रंथो में इस बात का जिक्र है कि जिस दिन प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के वक्त अमावस्या हो तब लक्ष्मी पूजन किया जाना चाहिए। इस बात का ध्यान रखते हुए ज्योतिषियों का कहना है कि दिवाली 12 नवंबर को ही मनाएं।

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