राजस्व खुफिया निदेशालय (Directorate of Revenue Intelligence – DRI) ने नवी मुंबई के न्हावा शेवा पोर्ट (Nhava Sheva Port) पर एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तानी मूल के 39 कंटेनरों (Pakistani-Origin Containers) को जब्त किया है। इन कंटेनरों में 1,115 मीट्रिक टन सामान था, जिसकी कीमत लगभग 9 करोड़ रुपये आंकी गई है। यह कार्रवाई ‘ऑपरेशन डीप मैनिफेस्ट’ (Operation Deep Manifest) के तहत की गई, जिसमें एक व्यक्ति को गिरफ्तार (One Arrested) भी किया गया है। ये कंटेनर दुबई और UAE के रास्ते भारत लाए गए थे, ताकि भारत-पाकिस्तान व्यापार प्रतिबंध (India-Pakistan Trade Ban) को चकमा दिया जा सके। यह कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को हुए पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद भारत द्वारा लगाए गए व्यापारिक प्रतिबंधों के संदर्भ में महत्वपूर्ण है।
पहलगाम हमले के बाद बढ़ी सख्ती
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बाइसरण घाटी (Baisaran Valley) में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba – LeT) से जुड़े द रेसिस्टेंस फ्रंट (The Resistance Front – TRF) ने ली थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency – NIA) ने इस हमले में तीन पाकिस्तानी आतंकियों (Pakistani Terrorists) की संलिप्तता की पुष्टि की है। हमले के बाद भारत ने 2 मई 2025 से पाकिस्तानी मूल के सामान के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात पर पूर्ण प्रतिबंध (Complete Ban on Pakistani Imports) लगा दिया था।
कंटेनरों का विवरण और कार्रवाई
DRI ने पाया कि जब्त किए गए कंटेनरों में मौजूद सामान को UAE मूल का बताकर भारत में आयात किया गया था, जो भारत की आयात नीति (India’s Import Policy) का उल्लंघन है। यह सामान, जिसमें मुख्य रूप से कृषि उत्पाद, ड्राई फ्रूट्स, और अन्य वस्तुएं शामिल हो सकती हैं, पाकिस्तान से उत्पन्न हुआ था। DRI ने इस कार्रवाई में एक आयातक फर्म के साझेदार को गिरफ्तार किया है। यह ऑपरेशन राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) और भारत की सख्त नीतियों के तहत किया गया, खासकर पहलगाम हमले के बाद बढ़े तनाव के बीच।
पाकिस्तान के साथ व्यापार पर प्रभाव
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सभी व्यापारिक रिश्तों को ठप कर दिया। अटारी-वाघा सीमा (Attari-Wagah Border) को 24 अप्रैल 2025 को बंद कर दिया गया, जिससे दोनों देशों के बीच 3,886 करोड़ रुपये का द्विपक्षीय व्यापार (Bilateral Trade) रुक गया। इसके अलावा, भारत ने पाकिस्तानी जहाजों को भारतीय बंदरगाहों में प्रवेश पर प्रतिबंध (Ban on Pakistani Ships) और डाक सेवाओं (Postal Services) पर भी रोक लगा दी। भारत ने यह भी सुनिश्चित किया कि पाकिस्तानी सामान तीसरे देशों, जैसे UAE, सिंगापुर, या कोलंबो, के माध्यम से भारत न पहुंचे।
आतंकी हमले का पृष्ठभूमि और भारत की प्रतिक्रिया
पहलगाम हमले में तीन पाकिस्तानी आतंकियों, जिनके नाम अली भाई उर्फ तल्हा भाई, हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान, और एक अन्य की पहचान हुई, ने पर्यटकों को निशाना बनाया। NIA ने हमले की जांच में दो स्थानीय लोगों, परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद जोथर (Parvaiz Ahmad Jothar and Bashir Ahmad Jothar), को गिरफ्तार किया, जिन्होंने आतंकियों को शरण, भोजन, और लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान किया था। भारत ने जवाब में 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और PoK में नौ आतंकी ठिकानों (Terror Camps) को नष्ट किया गया।
वैश्विक प्रतिक्रिया और कूटनीति
पहलगाम हमले की निंदा संयुक्त राष्ट्र सहित कई देशों ने की। अमेरिका ने भारत के साथ एकजुटता (US Solidarity with India) जताई, और विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) ने दक्षिण कोरिया जैसे देशों के साथ बातचीत कर आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहमति (Global Consensus Against Terrorism) बनाने पर जोर दिया। भारत ने पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF Grey List) की ‘ग्रे लिस्ट’ में वापस लाने की कोशिश शुरू की है।
आर्थिक और सामरिक प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का पाकिस्तानी सामान पर प्रतिबंध और सख्त कार्रवाई पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था (Pakistan’s Economy) पर गहरा असर डालेगी, खासकर क्योंकि पाकिस्तान भारत से दवाओं (Pharmaceutical Supplies) पर निर्भर है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से भी पाकिस्तान को दिए जाने वाले ऋणों की समीक्षा करने को कहा है। यह कार्रवाई भारत की ‘आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस’ (Zero Tolerance Against Terrorism) नीति को दर्शाती है।
DRI की यह कार्रवाई भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति (National Security Policy) और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख का हिस्सा है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान से किसी भी तरह का व्यापार या सामान भारत में प्रवेश नहीं करेगा। जांच एजेंसियां अब इस बात की तहकीकात कर रही हैं कि क्या अन्य देशों के रास्ते पाकिस्तानी सामान भारत में भेजने की कोशिशें जारी हैं।
पहलगाम हमले के बाद भारत का यह कदम न केवल आर्थिक, बल्कि सामरिक और कूटनीतिक स्तर पर भी पाकिस्तान को सख्त संदेश देता है कि आतंकवाद और व्यापार साथ-साथ नहीं चल सकते।