Dinesh Pratap Singh vs Rahul Gandhi : रायबरेली दौरे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और दिनेश प्रताप सिंह के बीच कहासुनी अब सियासी रूप ले रही है। सांसद राहुल गाँधी का यूपी सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह के साथ झगड़ा हो गया। राहुल गांधी ने कहा कि वे बैठक के अध्यक्ष हैं और इसलिए उनसे पूछ कर ही बात करनी चाहिए। इस पर मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने जवाब दिया कि जब आप संसद में अध्यक्ष का कहना नहीं मानते तो मैं यहां आपका कहना क्यों मानू। इसके बाद सियासी तनाव और बढ़ गया।
मैं आपका कहना क्यों मानूं – दिनेश प्रताप सिंह
राहुल गाँधी और दिनेश प्रताप सिंह के बीच हुई बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें राहुल गांधी और दिनेश प्रताप सिंह के बीच बात-बात पर बहस सुनाई दे रही है। बहस में दिनेश प्रताप सिंह से राहुल गाँधी ने कहा कि आपको अध्यक्ष की बात सुननी चाहिए। राहुल गाँधी को जवाब देते हुए मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि आप खुद तो संसद में स्पीकर का कहना नहीं मानते फिर मैं आपसे क्यों पूछूं।
बैठक में कौन-कौन नेता मौजूद थे?
इस बैठक में अमेठी के सांसद केएल शर्मा और राज्य के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह समेत कई नेता शामिल थे, लेकिन ऊंचाहार के विधायक मनोज पांडे बैठक में नहीं आए थे। पांडे को समाजवादी पार्टी ने पार्टी विरोधी कामों और राज्यसभा के चुनाव में बीजेपी का समर्थन करने पर निकाल दिया था।
राहुल गाँधी और दिनेश प्रताप सिंह के बीच क्या हुआ?
दिनेश प्रताप सिंह ने मीडिया से कहा, “राहुल गांधी दिशा के नियमों के बाहर बैठक करना चाहते थे, जिस पर मैंने कहा कि ये नियम हैं और इन ही के अंदर बैठक हो सकती है। इस पर उन्होंने कहा कि वे अध्यक्ष हैं और बैठक कर सकते हैं। मैंने उनसे कहा कि आप भी संसद में बैठते हैं और स्पीकर का कितना सम्मान करते हैं। जरूरी नहीं कि हम आपकी बात मानें।”
आखिर में बहस इसी बहस के साथ खत्म हुई। बैठक में हल्का और गरम माहौल रहता है। इसमें कोई गलती नहीं है, वे अपनी टीम लेकर आते हैं। तीन-तीन पेज का ड्राफ्ट लेकर आते हैं। मुझे गर्व है कि योगी- मोदी सरकार ने योजनाओं का सही ढंग से काम किया है। उन्हें एक भी शिकायत नहीं हुई।”
कभी गाँधी परिवार के खास थे दिनेश
बता दें कि दिनेश प्रताप सिंह कभी गांधी परिवार के बहुत करीबी थे। लेकिन बाद में दिनेश प्रताप सिंह भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा में आने के बाद उन्होंने सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था।
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